एंटी करप्शन न्यूज़
2 जनवरी 2019
पवन भार्गव
शिवपुरी जिले के जिन 29 लोगों को मीसाबंदी के तौर पर पेंशन मिलती थी अब उसे रोकने के निर्देश मप्र की कांग्रेस सरकार ने दिए हैं। बताया जा रहा है कि कमलनाथ सरकार ने प्रदेश के मीसा बंदी पेंशन योजना पर अस्थाई तौर पर बंद कर दिया है। सरकार मीसा बंदियों की जांच कराने के बाद इसे फिर से शुरू करेगी। हालांकि इस जांच में कितना समय लगेगा ये अभी साफ नहीं है। कांग्रेस की सरकार के इस फैसले से शिवपुरी जिले 29 लोग मीसाबंदी प्रभावित हुए हैं जिन्हें हर महीने पेंशन भाजपा सरकार के कार्यकाल में मिलती थी।
*शिवपुरी के इन लोगों को मिलती थी पेंशन*
शिवपुरी के जिला प्रशासन से मीसाबंदियों की जो सूची मिली है उसमें महावीर प्रसाद जैन, हरिहर निवास शर्मा, अशोक शर्मा, कामता प्रसाद बेमटे, गुलाब चंद्र शर्मा, रामजीदास बंसल, गोपालकृष्ण सिंघल, घनश्याम भसीन, महेश गौतम, ओमप्रकाश शर्मा, सीताराम राठौर, लक्ष्मणदास व्यास, अशोक कुमार पांडे, विमलेश गोयल, मुन्नालाल गुप्ता, गोपालकृष्ण दंडोतिया, अनेक सिंह तोमर, लक्ष्मीनारायण गुप्ता, गोविंद प्रसाद गर्ग, शिवाजीराव सिरसे, अब्दुल रज्जाक, उत्तम चंद्र जैन के नाम शामिल हैं। इसके अलावा दो मीसाबंदी जगदीश वर्मा और हरदास गुप्ता का निधन हो गया है। साथ ही पांच लोग वह हैं जिनमें मीसाबंदी की पत्नि को पेंशन मिलती थी। इस सूची में चंद्रमोहनी गुप्ता, सवित्री देवी, भगवती देवी गोयल, मधुवाला जैन, रती जोशी शामिल हैं। इस प्रकार कुल 29 लोगों की सूची है जिन्हें पेंशन मिलती थी।
*जांच के बाद अपात्रों को किया जाएगा बाहर*
बताया जा रहा है कि इस संबंध में आदेश 28 दिसंबर को जारी कर दिए गए हैं। आदेशानुसार सरकार मीसाबंदियों को मिलने वाली पेशन के संबंध में जांच करवाएगी। सरकार ऐसा लोगों को पेंशन की सूची से बाहर करेगी जो इसके सही पात्र नहीं है। कांग्रेस ने तो आरोप लगाते हुए कहा है कि भाजपा सरकार ने अपने खास लोगों को उपकृत करने के लिए करोड़ों की फिजूलखर्ची की है। सरकार 75 करोड़ रुपये सालाना लुटा रही थी, इसको तुरंत बंद होना चाहिए।
*25 हजार रुपए मिलती थी पेंशन हर माह*
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में फिलहाल 2000 से ज्यादा मीसाबंदी 25 हजार रुपए मासिक पेंशन ले रहे हैं। साल 2008 में शिवराज सरकार ने मीसा बंदियों को 3000 और 6000 पेंशन देने का प्रावधान किया। बाद में पेंशन राशि बढ़ाकर 10,000 रुपए की गई। साल 2017 में मीसा बंदियों की पेंशन राशि बढ़ाकर 25,000 रुपये की गई। इस पर सालाना करीब 75 करोड़ का खर्च आता है।
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