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मध्य प्रदेश की नई तबादला नीति जारी | MP TRANSFER POLICY 2019-20

भोपाल। सरकार ने मंगलवार रात सीएम कमलनाथ (CM KAMALNATH) की मंजूरी के बाद नई तबादला नीति 2019-20 जारी कर दी। इसके साथ ही 5 जून से 5 जुलाई तक तबादलों पर से प्रतिबंध भी हटा दिया है। नई नीति में तहसील, जिला और राज्य स्तर पर तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के तबादले प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से होंगे। बाद में कलेक्टर अथवा जिले के विभागीय अधिकारी आदेश जारी करेंगे। राज्य स्तर पर डिप्टी कलेक्टर समेत प्रथम व द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों के स्थानांतरण विभागीय मंत्री के अनुमोदन से जारी होंगे। जिलों के अंदर यह काम प्रभारी मंत्री व कलेक्टर करेंगे। जरूरत के अनुसार मुख्यमंत्री से अनुमोदन लिया जाएगा। 

नई नीति में साफ कर दिया गया है कि किसी भी कैडर में 200 की संख्या तक 20% तबादले होंगे। इसके बाद 201 से 2000 तक के कैडर में 10% और 2001 से अधिक के कैडर में 5% तक तबादले होंगे। फाॅरेस्ट और पुलिस महकमे में तबादलों के समय इन चीजों का ध्यान रखा जाएगा कि लाॅ एंड ऑर्डर में तुरंत दिक्कत न हो। पूर्व की भांति राज्य की तबादला नीति से अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी बाहर रहेंगे। पिछली तबादला नीति में शिक्षा, पुलिस व अन्य महकमे अलग से नीति बना लेते थे, लेकिन अब नहीं होगा।

शिक्षक और पुलिस के लिए नए नियम:

पुलिस में जिला स्तर पर तबादले (डीएसपी से नीचे) के लिए प्रस्ताव पुलिस अधीक्षक तैयार करेंगे। फिर प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से तबादले किए जाएंगे। इसमें भी सुप्रीम कोर्ट के 2007 में जारी आदेश के अनुसार गठित पुलिस स्थापना बोर्ड निर्णय लेगा। डीएसपी और उससे ऊपर के अधिकारियों के तबादले मुख्यमंत्री के अनुमोदन से होंगे।

शिक्षक संवर्ग के बारे में स्पष्ट कर दिया गया है कि पूर्व में इस कैडर की अलग नीति होती थी, लेकिन इस बार उन्हें अलग नीति बनाने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग से सहमति लेनी पड़ेगी। लेकिन वे तबादला नीति के मुख्य प्रावधानों से अलग होकर कोई नया प्रावधान नहीं कर पाएंगे। नीति से हटकर तबादलों पर अनुमोदन मुख्यमंत्री देंगे। 

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