
सरकार गठन का न्योता मिलने के बाद शिवसेना नेता एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात कर सकते हैं। इस मुलाकात में शिवसेना सरकार गठन के लिए समर्थन मांग सकती है। वहीं, कांग्रेस महासचिव अहमद पटेल सोमवार को विधायकों से मिलने के लिए जयपुर जा सकते हैं। हालांकि एनसीपी और कांग्रेस दोनों के नेताओं के रुख से साफ है कि शिवसेना को समर्थन पर फैसला दोनों दलों की सहमति के बाद ही होगा।
महाराष्ट्र में लंबे चले राजनीतिक बवाल के बाद बीजेपी द्वारा सरकार बनाने से पीछे हटने पर आज राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना के एकनाथ शिंदे सरकार बनाने के लिए अपनी पार्टी की इच्छा और क्षमता का संकेत देने के लिए कहा। ऐसे में अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने मौका देखते हुए शिवसेना को समर्थन देने पर अपनी शर्त रख दी है। राकांपा के नेता नवाब मलिक ने कहा है कि हमारे समर्थन के लिए उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी को पहले केंद्रीय राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से अलग होना होगा।
बताते चलें कि हाल ही में कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने ट्वीट करके कहा था कि कि महाराष्ट्र के राज्यपाल को एनसीपी-कांग्रेस को आमंत्रित करना चाहिए क्योंकि वह दूसरा सबसे बड़ा गठबंधन है। इसके ठीक बाद कांग्रेस के ही नेता संजय निरूपम ने कहा था कि- महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी सरकार केवल एक कल्पना है। अगर हम उस कल्पना को वास्तविकता में बदलना चाहते हैं, तो शिवसेना के समर्थन के बिना यह संभव नहीं होगा और यदि हम शिवसेना का समर्थन लेते हैं, तो यह कांग्रेस के लिए घातक होगा।
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