कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि शिवराज सिंह चौहान जब पिछली पारी में मुख्यमंत्री थे तब भी किसानों को छलते थे और आज भी यही कर रहे हैं। इसका एक बड़ा उदाहरण सामने आया है जब किसानों के लिये विपरीत आर्थिक परिस्थिति में भी कांग्रेस की सरकार रहते तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने खरीफ 2019 की प्रधानमंत्री फसल बीमा का राज्य का अंश 509.60 करोड़ तत्काल केंद्र को भेज दिया था, ताकि प्रदेश के किसानों को इसका लाभ मिल सके। लेकिन केंद्र सरकार ने एक पत्र के माध्यम से अपना अंश देने से यह कह कर मना कर दिया कि पूर्ववर्ती शिवराज सरकार ने रबी सीज़न 2017-18 का राज्यांश 165 करोड़ रुपये, खरीफ 2018 का 1772 करोड़ तथा रबी सीज़न 2018-19 का 424 करोड़ अर्थात कुल 2301 करोड़ रुपये का राज्यांश आज दिनांक तक नहीं भेजा है।
केंद्र ने कहा है कि राज्य पहले पुरानी राशि का भुगतान करें तब ही वर्तमान फसल बीमा का केन्द्रांश भेजा जायेगा। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि ये साफ जाहिर करता है कि शिवराज सिंह चौहान ने बतौर मुख्यमंत्री किसानों को धोखा दिया था। जब कमलनाथ सरकार ने सारी पुरानी राशि चुकाने की तैयारी कर ली थी तब कांग्रेस सरकार को षडयंत्र पूर्वक गिराया गया और अब केंद्र द्वारा जो फ़सल बीमा का पैसा दिया गया है वो दरअसल कमलनाथ सरकार द्वारा उठाए गए कदम की बदौलत ही है। कांग्रेस का आरोप है कि सीएम शिवराज सिर्फ़ झूठ परोसकर उसका श्रेय लेने की कोशिश कर रहे हैं।
बता दें कि रविवार को ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की थी कि प्रदेश के 15 लाख किसानों को फसल बीमा की कुल 2990 करोड़ की बीमा राशि अगले सप्ताह तक प्राप्त हो जाएगी और यह राशि सीधे उनके खातों में आ जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आरोप लगाया था कि पिछली कांग्रेस सरकार ने खरीफ एवं रबी फसलों के लिए सरकार द्वारा देय प्रीमियम 22 सौ करोड़ का भुगतान नहीं किया था, जिसके कारण किसानों को फसल बीमा का लाभ नहीं मिल पाया। साथ ही उन्होने कहा कि हमने सरकार बनते ही मार्च माह में बीमा कंपनियों की यह राशि जारी कर दी, जिससे अब किसानों को फसल बीमा राशि प्राप्त हो जाएगी।
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