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प्रवासी श्रमिकों के सर्वे में बढ़ईगिरी के 27 हजार और ड्रायवर के रूप में 16 हजार श्रमिक चिन्हित


प्रामाणिक सर्वे करने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य 

 
प्रवासी श्रमिकों के सर्वे में कई महत्वपूर्ण तथ्य प्रकाश में आये हैं। कोरोना संकट के दौरान अन्य राज्यों से जो श्रमिक मध्यप्रदेश लौटे हैं, उनमें लुहारी एवं बढ़ईगिरी के काम में लगे 27 हजार 721 और वाहन चालक का कार्य करने वाले 16 हजार 900 श्रमिक हैं। इसी तरह भवन एवं संरचना निर्माण में एक लाख 76 हजार 682, कृषि क्षेत्र में 99 हजार 26, ईंट और टाइल्स निर्माण में 37 हजार 805, दुकान, रेस्टॉरेंट में 27 हजार 26, लोडिंग कार्य में 20 हजार 124, मिस्त्री के कार्य में 16 हजार 208, प्रायवेट सुरक्षा में 12 हजार 629, रेहड़ी/हॉकर्स के कार्य में 10 हजार 784, वस्त्र उद्योग में 10 हजार 356, गारमेंट उद्योग में 9 हजार 464, प्लास्टिक और रसायन उद्योग में 8 हजार 252, रिक्शा चालक के रूप में 7 हजार 939 और पेंटिंग के कार्य में 6 हजार 302 श्रमिक कार्य कर रहे थे।
राज्य में 27 मई से 6 जून तक चलाये गये प्रवासी श्रमिक सर्वे अभियान में 7 लाख 30 हजार 311 प्रवासी श्रमिक, जो मूलत: मध्यप्रदेश के निवासी थे, सर्वे में आये हैं। इसके अतिरिक्त 5 लाख 79 हजार 875 उनके परिजनों को मिलाकर कुल 13 लाख 10 हजार 186 श्रमिकों को सर्वे में चिन्हित किया गया। मध्यप्रदेश पहला राज्य है, जिसने प्रवासी श्रमिकों का प्रमाणिक सर्वे पूरा किया है। सर्वे में समग्र आई.डी. तथा आधार-कार्ड को मुख्य आधार माना गया है। सर्वे ग्राम पंचायतों में सचिव, रोजगार सहायक और नगरीय क्षेत्रों में वार्ड प्रभारियों द्वारा एनआईसी द्वारा विकसित मोबाइल एप के माध्यम से किया गया।
मध्यप्रदेश शासन ने शुरू से ही श्रमिकों को अन्य राज्यों से वापस लाने और उनको रोजगार देने को प्राथमिकता दी। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने श्रमिकों की वापसी के अभियान की प्रतिदिन समीक्षा की। मुख्यमंत्री श्री चौहान के निर्देश पर जहाँ मनरेगा के अंतर्गत इन्हें रोजगार सुनिश्चित किया गया, वहीं रोजगार सेतु पोर्टल के माध्यम से विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध करवाने की कार्यवाही की जा रही है।

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