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मध्य प्रदेश में राम के भरोसे भाजपा नेता, कांग्रेस बोली- राम सिर्फ चुनाव में ही याद आते

 


मध्य प्रदेश में अब भाजपा नेता राम के भरोसे चुनाव मैदान में उतर गए हैं। कोई भगवा पहन रहा है तो कोई मंदिर जा रहा है। ऐसे में सागर जिले की सुरखी विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी और शिवराज सरकार में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत अब भगवान राम के नाम पर वोट मांग रहे हैं। इसको लेकर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने आ गई है। जहां कांग्रेस भाजपा को झूठा कह रही है, वहीं भाजपा का कहना है कि वे हमेशा ही राम के नाम के साथ रहे। कांग्रेस कह दे कि उन्हें राम के नाम से परहेज है।

यह है पूरा मामला

कांग्रेस से भाजपा में आए मंत्री गोविंद राजपूत के समर्थक उपचुनावों में भगवान राम और गाय चुनावी मुद्दा बना रहे हैं। इससे पहले इंदौर की सांवेर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू का गाय पर लिखकर वोट मांगने का मामला सामने आया था।

इधर, सुरखी में परिवहन मंत्री गोविंद राजपूत के एक समर्थक का वीडियो वायरल हुआ है। इसमें समर्थक एक महिला को एक कैलेंडर भेंट करते दिख रहे हैं। वह महिला को समझाते हुए कहते हैं कि राजपूतजी फूल में आ गए हैं। फूल पर वोट देना है। एक वोट देने पर एक ईंट मंदिर निर्माण में लग जाएगी। इससे पुण्य भी मिलेगा। इससे पहले राजपूत अपने विधानसभा क्षेत्र सुरखी में हाल ही में 13 दिनों तक राम शिला पूजन यात्राएं निकाल चुके हैं।

कांग्रेस का आरोप- सिर्फ चुनावी नारा

कांग्रेस के प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कहा कि भाजपा का चाल चरित्र और चेहरा यही है। पहले उन्होंने खरीद-फरोख्त कर जनता की चुनी हुई सरकार को गिराया, अब राम के नाम का सहारा ले रहे हैं। पार्टी के पास कोई मुद्दा नहीं है। जनता उन्हें इन चुनावों में अच्छे से सबक सिखाएगी। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी दिखावे के लिए पूजा नहीं करती। यह हमारी आस्था का विषय है, लेकिन भाजपा राम के नाम पर सिर्फ नाटक करती है। लेकिन जनता अब सबकुछ समझ गई है। इसी कारण शिवराज सिंह चौहान और उनके नेता डरे हुए हैं। वह अब राम और अयोध्या के नाम मंदिर तक के नाम पर वोट मांग रहे हैं।

कांग्रेस से पारुल प्रत्याशी हो सकती हैं

सुरखी की पूर्व विधायक पारुल साहू ने वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में महज 141 वोट से गोविंद सिंह राजपूत को हराया था। वर्ष 2018 में पार्टी ने पारुल का टिकट काट दिया था। इससे पारुल समय-समय पर पार्टी के प्रति नाराजगी जताती रहीं। राजपूत के कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने के बाद पारुल कांग्रेस में शामिल हो गईं। ऐसे में उनके यहां से पार्टी की तरफ से अब उम्मीदवार बनने की संभावना बढ़ गई है।



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