ग्वालियरप्रशासन ने किसान अांदोलन व चुनाव के चलते धान व मोटा अनाज खरीदने के लिए तौल कांटे शुरू करा दिए हैं, लेकिन किसानों के पास अब तक मैजेस नहीं पहुंचे हैं। इसके चलते किसान अपनी फसल नहीं बेच पा रहा है। वर्तमान में उसे रवी की फसल बोने के लिए पैसे की जरूरत है। मंडी में धान व ज्वार, बाजरा सहित अन्य अनाज काफी सस्ता चल रहा हैं, इससे किसान को मुनाफा नहीं हो पा रहा है।
इस बार जिले में धान की बंपर पैदापार हुई है। धान पर मंदी होने की वजह से व्यापारी काफी सस्ती खरीद रहा है। मंडी में 1400 से 1600 रुपये क्विंटल धान खरीद रहे हैं। जबकि बाजार में 1400 रुपये क्विंटल लिया जा रहा है। इससे किसान की लागत भी नहीं निकल पा रही है। मंदी के चलते डबरा में किसान अांदोलन कर रहे थे। साथ ही चुनाव के दौरान जनप्रतिनिधियों ने इस मुद्दे को उठाया था। इसके चलते सरकार ने एक महीना पहले ताैल कांटे शुरू कर दिए हैं। सरकारी खरीद के लिए तौल कांटे लगाने की तारीख 25 नवंबर निर्धारित थी, लेकिन एक अक्टूबर में चालू कर दिए। किसान के पास मैसेज अाने के बाद ही अपनी फसल बेचने जा सकता है, लेकिन किसानों को मैसेज नहीं पहुंच रहे हैं, जिससे किसान फसल बेचने नहीं जा पा रहा है। इसको लेकर प्रशासन से शिकायत भी दर्ज कराई गई है, लेकिन अब तक समस्या का समाधान नहीं हुआ है। फूड अधिकारी सीके जादौन का कहना है कि मैसेज की संख्या बढाने जा रहे हैं।
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