विकासखंड पिछोर के ग्राम कुमरौआ निवासी निवेश जाट ने परंपरागत खेती को छोड़कर हाईटेक फार्मिंग को अपनाकर न केवल अपनी आमदनी में वृद्धि की है, बल्कि लगभग 700 से 800 लोगों को वर्षभर रोजगार भी प्रदान कर रहे हैं। वे पिछले 15-16 वर्षों से खेती कर रहे हैं, परंतु बीते 3-4 वर्षों से उन्होंने पॉली हाउस के माध्यम से शिमला मिर्च, टमाटर और खीरे की उन्नत खेती प्रारंभ की है।निवेश जाट ने बताया कि पहले परंपरागत फसलों से उन्हें सीमित लाभ होता था, परंतु जब उन्होंने हाईटेक खेती की ओर कदम बढ़ाया, तो उनकी आमदनी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। पहले प्रति बीघा 20 हजार रुपये तक का लाभ होता था, वहीं अब प्रति बीघा 1.50 लाख रुपये तक की आमदनी हो रही है। उन्होंने बताया कि पॉली हाउस में खेती से कीटनाशक दवाओं की आवश्यकता कम होती है और मजदूरी लागत भी घटती है।उन्होंने बताया कि हाल ही में पॉली हाउस में तैयार खीरे की फसल को दिल्ली के बाजारों में अच्छे मूल्य पर बेचा गया है। इस आधुनिक कृषि पद्धति के माध्यम से निवेश जाट न केवल आर्थिक रूप से सशक्त हुए हैं, बल्कि गरीब तबके के लोगों को भी रोजगार देकर सामाजिक योगदान दे रहे हैं। एक वर्ष में वे लगभग 700 से 800 लोगों को 11 महीने तक रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं।निवेश जाट ने कहा कि मध्यप्रदेश शासन की योजनाओं से उन्हें काफी सहायता मिली है। पॉली हाउस निर्माण पर शासन द्वारा 50 प्रतिशत की सब्सिडी प्रदान की गई है, जिससे उन्हें आधुनिक कृषि तकनीक अपनाने में मदद मिली। उन्होंने इसके लिए मध्यप्रदेश शासन का आभार व्यक्त किया है।
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