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MP NEWS : 44वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में मध्यप्रदेश मण्डप को रजत पदक

 


नई दिल्ली स्थित भारत मण्डपम में 14 से 27 नवम्बर तक आयोजित हुए 44वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में मध्यप्रदेश मध्यप्रदेश मण्डप को राज्यों की श्रेणी मे उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए रजत पदक से सम्मानित किया गया। गुरूवार की शाम को भारत मण्डपम में आयोजित एक समारोह में इण्डिया ट्रेड प्रमोशन आर्गनाइजेशन (ITPO) के डॉ. नीरज खैरवाल, प्रबन्ध निदेशक ने यह पुरस्कार मध्यप्रदेश मण्डप के संचालक श्री बी. एन. तिवारी, को प्रदान किया। इस अवसर पर श्री एन. के. नरें, संयुक्त संचालक, डा. राजू राठौर, सुश्री प्रियंका सोनी, श्री देवेन्द्र रघुवशीं, सुश्री कविता बारिया, सहायक संचालक उद्योग एवं श्री जगमोहन सिंह तथा श्री सी. के. प्रिन्स भी उपस्थित थें।

इस वर्ष मेले की थीम एक भारत श्रेष्ठ भारत अनुरूप मध्यप्रदेश मण्डप को ग्वालियर किले के रूप में तैयार किया गया था तथा मण्डप के केन्द्र में 64 योगिनी मन्दिर को दर्शाया गया था। लुटियन्स ने जब भारतीय संसद भवन का डिजाइन तैयार किया था तब उन्होने भारत वर्ष की नामी गिरामी इमारतों के डिजायन बुलवाये थे, जिसमें से उन्होने मुरैना जिले के 64 योगिनी मन्दिर का चुनाव किया था। इसके आधार पर ही उन्होंने भारतीय संसद के भवन का निर्माण कराया था। इस स्थान पर सभी देशी विदेशी पर्यटक भ्रमण करने के लिए आते हैं। इससे एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना मजबूत होती है और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा मिलता है। मण्डप में मध्यप्रदेश की विश्व धरोहारों- खजुराहो, सांची स्तूप एवं भीमबेटका के साथ प्रस्तावित धरोहर स्थलों, विभिन्न सांस्कृतिक महोत्सवों, हस्तशिल्प, हाथकरघा, जी.आई. ओ.डी.ओ.पी. उत्पादों को भी सजाया गया।

मण्डप में उत्पादों को होलोग्राफिक इमेज से भी प्रदर्शित गया है। इन उत्पादों की विकी भी हुई। प्रदेश शासन की विभिन्न नीतियों एवं उपलब्धियों को प्रदर्शित किया गया है। मण्डप में औधोगिक विकास के साथ साथ पर्यटन की भी पूर्ण जानकारी प्रदर्शित की गयी। मण्डप मे सिंहस्थ-2028 की तैयारी को भी स्थान दिया गया। इन्दौर के जी.आई. उत्पाद, चमड़े के खिलौने एवं टेराकोटा का संजीव प्रदर्शन किया गया है। स्टार्टअप ने भी अपने उत्पादों के प्रचार प्रसार के साथ विकय भी किया। मध्यप्रदेश मण्डप में निर्मित विरासत, सांस्कृतिक विरासत, जनजातीय विरासत एवं वन्य जीवन को आकर्षक रूप से प्रदर्शित किया। मण्डप ने जहां एक ओर प्रदेश की गौरवशाली विरासत को प्रदर्शित किया वही दूसरी ओर सम्पूर्ण भारत को एक सूत्र में बाधने का संदेश भी दिया है। यही कारण है कि मेले में इस बार फिर मध्यप्रदेश मण्डप लोगों के लिए आर्कषण का केन्द्र बना। यहां अभ्युदय मध्यप्रदेश की झलक साफ देखी गई।

मध्यप्रदेश देश का हृदय प्रदेश है। यहां कि एतिहासिक धरोहर, प्रचुर प्राकृतिक संसाधन, धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल, लोक परम्पराओं की समृद्धि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प "एक भारत श्रेष्ठ भारत" को न केवल पूरी कर रही है अपितु विश्व पर्यटन मानचित्र पर इसे अग्रणी स्थान दिला रही है।

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग, की ओर से म. प्र. लघु उद्योग निगम द्वारा विगत 43 वर्षों से इस मेले में नोडल एजेंसी के रूप में कार्य किया जा रहा है। इस मेले में विगत दो वर्षों से निरन्तर म. प्र. राज्य को विषयतगत प्रस्तुति के लिए स्वर्ण पदक प्राप्त हुआ है। मेला अवधि के दौरान राज्य दिवस समारोह 21 नवम्बर 2025 को मनाया गया। इस समारोह में विशेष अतिथि के रूप में श्री चैतन्य कुमार काश्यप, मंत्री, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग सम्मलित हुए। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के सपने को साकार करते हुए मध्यप्रदेश के मुख्य मंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश विकसित भारत@2047 के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अग्रसर है। उन्होंने यह भी कहा था कि राज्य शासन ने 18 नीतियां बनाई जो निवेश मित्र हैं एवं निवेशकों को आकर्षित करती हैं। इस अवसर पर नीमच और मन्दसौर के सांसद श्री सुधीर गुप्ता भी अतिथि के रूप में सम्मलित हुए। म. प्र. मण्डप में 9 शासकीय विभागों / निगम मण्डलों 27 सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम इकाईयों 7 स्व सहायता समूहों तथा 03 स्टार्ट-अप द्वारा भाग लिया गया। टेराकोटा एवं चमड़े के खिलौनों का सजीव प्रदर्शन भी मध्यप्रदेश मण्डप में किया गया। मध्यप्रदेश दिवस समारोह में बघेली लोक गायन, मटकी एवं पनिहारी लोक नृत्य प्रस्तुत किया गया।

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