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कमलनाथ सरकार के गिरने के बाद चार कलेक्टर चर्चा में |

भोपाल। मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार के गिरने के बाद चार कलेक्टर काफी चर्चा में है। इन चारों पर आरोप है कि उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ को खुश करने के लिए ना केवल अपने पद का दुरुपयोग किया बल्कि कुछ ऐसा किया जो भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को भुला पाना आसान नहीं। सोशल मीडिया पर भाजपा कार्यकर्ता अपना विचार व्यक्त करते हुए लिख रहे हैं कि इनके साथ कुछ ऐसा किया जाना चाहिए ताकि एक उदाहरण पेश हो और कोई भी कलेक्टर मुख्यमंत्री को खुश करने के लिए इस तरह की कार्रवाई ना करें जैसे कि उन्होंने की थी।

नंबर वन: राजगढ़ कलेक्टर निधि निवेदिता 

निधि निवेदिता के लिए इमेज नतीजे
इस लिस्ट में सबसे ऊपर राजगढ़ कलेक्टर निधि निवेदिता का नाम है। इन पर आरोप है कि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की रैली को रोकने के लिए ना केवल धारा 144 लगाई बल्कि कानून और व्यवस्था की स्थिति को बनाए रखने के नाम पर भाजपा नेताओं के साथ मारपीट की। पुलिस की मौजूदगी के बावजूद महिला कलेक्टर ने नेताओं को सबके सामने चाटे मारे और जलील किया। बाद में कुछ नेताओं को थाने में बंद करके भी पीटा गया। इस घटना के बाद जब भाजपा ने कलेक्टर निधि निवेदिता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए शिकवे शिकायत किए तो पूरे मामले को अपने तरीके से नया मोड़ देते हुए खुद को सही और नेताओं को गलत साबित कर दिया। इनकी सभी दलीलें स्वीकार की गई क्योंकि मुख्यमंत्री कमलनाथ थे।

नंबर 2: छिंदवाड़ा कलेक्टर श्रीनिवास शर्मा 

कलेक्टर श्रीनिवास शर्मा के लिए इमेज नतीजे
छिंदवाड़ा कलेक्टर श्रीनिवास शर्मा ने लोकसभा चुनाव के दौरान कमलनाथ को खुश करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का हेलीकॉप्टर छिंदवाड़ा में नहीं उतरने दिया। चुनाव प्रचार के दौरान भारतीय जनता पार्टी के स्टार प्रचारकों को इस कदर परेशान किया कि अफसरों के प्रति अक्सर शांत रहने वाले शिवराज सिंह चौहान ने भरी सभा में कहा था कि 'पिठ्ठू कलेक्टर सुन ले रे, हमारे दिन भी जल्दी आएंगे, तब तेरा क्या होगा"।

नंबर 3: उमरिया कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी 

कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी  संजय पाठक के लिए इमेज नतीजे
भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी स्वरोचिष सोमवंशी पर आरोप है कि इन्होंने सीएम कमलनाथ को खुश करने के लिए पूर्व मंत्री संजय पाठक के रिसॉर्ट पर ना केवल बुलडोजर चलवाया बल्कि अतिक्रमण हटाने की छोटी सी कार्रवाई को सुर्खियों में लाने और संजय पाठक को जलील करने के लिए खुद मौके पर खड़े रहे। संजय पाठक की गलती केवल इतनी थी कि ऑपरेशन लोटस के दौरान बसपा विधायक श्रीमती रामबाई को भोपाल से दिल्ली ले जाने के लिए संजय पाठक के चार्टर्ड प्लेन का उपयोग किया गया था।

नंबर 4: अशोकनगर कलेक्टर भास्कर लक्षकार 

विरोध में हाथ पर काली पट्‌टी बांधकर काम करते गुना कलेक्टर।
मध्य प्रदेश में कुल 52 जिले हैं और 52 कलेक्टर। राजगढ़ कलेक्टर निधि निवेदिता के द्वारा भाजपा नेताओं के साथ की गई मारपीट के मामले में शेष 50 जिलों के कलेक्टर किसी तरह की कोई प्रतिक्रिया नहीं कर रहे थे परंतु अशोकनगर कलेक्टर भास्कर लक्षकार सोशल मीडिया पर अपने ही तरीके से दलीलें दे रहे थे। वह चाहते हैं कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को कलेक्टर के पद का अधिकार भी मिले और एक आम आदमी की तरह अभिव्यक्ति की आजादी भी। अब देखना यह है कि भारतीय जनता पार्टी उनको उनकी आजादी किस तरह से देती है।

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