अरब सागर से उठे चक्रवात 'ताऊ ते' का खतरा गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक सहित 7 राज्यों पर बना हुआ है। 5 राज्यों में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है। महाराष्ट्र में तूफान की वजह से वैक्सीनेशन बंद करना पड़ा है। यहां मुंबई समेत कई शहरों में अलर्ट है। तूफान मंगलवार सुबह पोरबंदर और महुवा (भावनगर) के बीच गुजरात के तट से टकरा सकता है। इस दौरान तूफान की गति 185 किलोमीटर प्रतिघंटे तक हो सकती है।
गुजरात के तटीय इलाकों से करीब 1.5 लाख लोगों को शिफ्ट किया जा रहा है। पश्चिमी तट से हजारों मकान खाली कराए गए हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के डायरेक्टर जनरल (DG) मृत्युंजय मोहपात्रा ने बताया है कि राज्य के 18 जिलों को अलर्ट पर रखा गया है।
नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (NDRF) के डायरेक्टर जनरल एस एन प्रधान ने बताया है कि 7 जिलों में NDRF की 100 से ज्यादा टीमें तैनात की गई हैं। तूफान का सबसे ज्यादा असर गुजरात पर दिख सकता है, इसलिए अकेले गुजरात में 50 टीमें तैनात हैं।
किस राज्य में कितनी मौतें
मौसम विभाग का कहना है कि इस चक्रवात का सबसे ज्यादा असर गुजरात पर पड़ेगा। द्वारका, कच्छ, पोरबंदर, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, अमरेली, राजकोट, मोरबी और जामनगर जिलों में फूस के बने मकान पूरी तरह तबाह हो जाएंगे, मिट्टी के घरों को भी भारी नुकसान होगा, पक्के मकानों को भी कुछ नुकसान पहुंच सकता है। भारी बारिश के कारण कुछ इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हो सकते हैं।
मोदी और अमित शाह की हाई लेवल मीटिंग
तूफान के खतरे को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार तो गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को हाई लेवल मीटिंग की और तैयारियों का जायजा लिया। मीटिंग में केंद्र सरकार के सीनियर अफसरों के साथ-साथ महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक और गुजरात के अधिकारी शामिल हुए।
ताऊ ते का खतरा बढ़ा:5 राज्यों में 11 लोगों की मौत, महाराष्ट्र में अलर्ट; गुजरात में डेढ़ लाख लोगों को शिफ्ट किया
अरब सागर से उठे चक्रवात 'ताऊ ते' का खतरा गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक सहित 7 राज्यों पर बना हुआ है। 5 राज्यों में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है। महाराष्ट्र में तूफान की वजह से वैक्सीनेशन बंद करना पड़ा है। यहां मुंबई समेत कई शहरों में अलर्ट है। तूफान मंगलवार सुबह पोरबंदर और महुवा (भावनगर) के बीच गुजरात के तट से टकरा सकता है। इस दौरान तूफान की गति 185 किलोमीटर प्रतिघंटे तक हो सकती है।
गुजरात के तटीय इलाकों से करीब 1.5 लाख लोगों को शिफ्ट किया जा रहा है। पश्चिमी तट से हजारों मकान खाली कराए गए हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के डायरेक्टर जनरल (DG) मृत्युंजय मोहपात्रा ने बताया है कि राज्य के 18 जिलों को अलर्ट पर रखा गया है।
नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (NDRF) के डायरेक्टर जनरल एस एन प्रधान ने बताया है कि 7 जिलों में NDRF की 100 से ज्यादा टीमें तैनात की गई हैं। तूफान का सबसे ज्यादा असर गुजरात पर दिख सकता है, इसलिए अकेले गुजरात में 50 टीमें तैनात हैं।
किस राज्य में कितनी मौतें
मौसम विभाग का कहना है कि इस चक्रवात का सबसे ज्यादा असर गुजरात पर पड़ेगा। द्वारका, कच्छ, पोरबंदर, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, अमरेली, राजकोट, मोरबी और जामनगर जिलों में फूस के बने मकान पूरी तरह तबाह हो जाएंगे, मिट्टी के घरों को भी भारी नुकसान होगा, पक्के मकानों को भी कुछ नुकसान पहुंच सकता है। भारी बारिश के कारण कुछ इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हो सकते हैं।
मोदी और अमित शाह की हाई लेवल मीटिंग
तूफान के खतरे को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार तो गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को हाई लेवल मीटिंग की और तैयारियों का जायजा लिया। मीटिंग में केंद्र सरकार के सीनियर अफसरों के साथ-साथ महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक और गुजरात के अधिकारी शामिल हुए।
मोदी की बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि कैबिनेट सचिव तटीय राज्यों के मुख्य सचिवों और संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों/एजेंसियों के लगातार संपर्क में रहेंगे। शाह की बैठक में राहत और बचाव कार्यों की तैयारियों की समीक्षा की गई। इस वर्चुअल बैठक में महाराष्ट्र और गुजरात के मुख्यमंत्रियों के अलावा दमन और दीव और दादरा नगर हवेली के अधिकारी भी इसमें शामिल हुए। गृह मंत्रालय 24 घंटे इस पर नजर बनाए रखेगा और राज्यों के संपर्क में रहते हुए फौरन जरूरी सुविधाएं मुहैया करवाएगा।
वायुसेना अलर्ट; मछुआरों को चेतावनी दी गई
तूफान की संभावना को देखते हुए भारतीय वायुसेना भी अलर्ट मोड में है। वायुसेना ने 16 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और 18 हेलिकॉप्टर को राहत और बचाव कार्य के लिए तैयार रहने के लिए कहा है। गुजरात के कच्छ और सौराष्ट्र के समुद्री इलाकों में साइक्लोन को लेकर कोस्ट गार्ड अलर्ट पर है। साथ ही मछुआरों को समंदर से दूर रहने की चेतावनी दी गई है।
कर्नाटक के 6 जिलों पर बुरा असर
कर्नाटक के 6 जिलों पर इसका काफी बुरा असर पड़ा है। इन जिलों के 73 गांव इससे प्रभावित हुए हैं। इन 6 जिलों में से 3 समुद्री सीमा से सटे हैं। सभी में पिछले 24 घंटों से भारी बारिश हो रही है। यहां 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही है। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा हालात पर नजर बनाए हुए हैं।
नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (NDRF) के डायरेक्टर जनरल एस एन प्रधान ने बताया है कि 7 जिलों में NDRF की 100 से ज्यादा टीमें तैनात की गई हैं। तूफान का सबसे ज्यादा असर गुजरात पर दिख सकता है, इसलिए अकेले गुजरात में 50 टीमें तैनात हैं।
किस राज्य में कितनी मौतें
- कर्नाटक के अलग-अलग जिलों में तूफान से अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है।
- महाराष्ट्र के जलगांव में रविवार दोपहर 3 बजे एक पेड़ के झोपड़ी पर गिरने से 17 और 12 साल की दो बहनों की मौत हो गई। उनकी मां की हालत गंभीर है।
- गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा है कि तूफान के कारण राज्य में 2 लोगों की मौत हुई है।
- तमिलनाडु के कन्याकुमारी में दीवार गिरने से 2 लोगों की मौत हो गई। इसमें 2 साल का एक बच्चा और दूसरा 36 साल का व्यक्ति शामिल है।
मौसम विभाग का कहना है कि इस चक्रवात का सबसे ज्यादा असर गुजरात पर पड़ेगा। द्वारका, कच्छ, पोरबंदर, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, अमरेली, राजकोट, मोरबी और जामनगर जिलों में फूस के बने मकान पूरी तरह तबाह हो जाएंगे, मिट्टी के घरों को भी भारी नुकसान होगा, पक्के मकानों को भी कुछ नुकसान पहुंच सकता है। भारी बारिश के कारण कुछ इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हो सकते हैं।
मोदी और अमित शाह की हाई लेवल मीटिंग
तूफान के खतरे को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार तो गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को हाई लेवल मीटिंग की और तैयारियों का जायजा लिया। मीटिंग में केंद्र सरकार के सीनियर अफसरों के साथ-साथ महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक और गुजरात के अधिकारी शामिल हुए।
ताऊ ते का खतरा बढ़ा:5 राज्यों में 11 लोगों की मौत, महाराष्ट्र में अलर्ट; गुजरात में डेढ़ लाख लोगों को शिफ्ट किया
अरब सागर से उठे चक्रवात 'ताऊ ते' का खतरा गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक सहित 7 राज्यों पर बना हुआ है। 5 राज्यों में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है। महाराष्ट्र में तूफान की वजह से वैक्सीनेशन बंद करना पड़ा है। यहां मुंबई समेत कई शहरों में अलर्ट है। तूफान मंगलवार सुबह पोरबंदर और महुवा (भावनगर) के बीच गुजरात के तट से टकरा सकता है। इस दौरान तूफान की गति 185 किलोमीटर प्रतिघंटे तक हो सकती है।
गुजरात के तटीय इलाकों से करीब 1.5 लाख लोगों को शिफ्ट किया जा रहा है। पश्चिमी तट से हजारों मकान खाली कराए गए हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के डायरेक्टर जनरल (DG) मृत्युंजय मोहपात्रा ने बताया है कि राज्य के 18 जिलों को अलर्ट पर रखा गया है।
नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (NDRF) के डायरेक्टर जनरल एस एन प्रधान ने बताया है कि 7 जिलों में NDRF की 100 से ज्यादा टीमें तैनात की गई हैं। तूफान का सबसे ज्यादा असर गुजरात पर दिख सकता है, इसलिए अकेले गुजरात में 50 टीमें तैनात हैं।
किस राज्य में कितनी मौतें
- कर्नाटक के अलग-अलग जिलों में तूफान से अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है।
- महाराष्ट्र के जलगांव में रविवार दोपहर 3 बजे एक पेड़ के झोपड़ी पर गिरने से 17 और 12 साल की दो बहनों की मौत हो गई। उनकी मां की हालत गंभीर है।
- गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा है कि तूफान के कारण राज्य में 2 लोगों की मौत हुई है।
- तमिलनाडु के कन्याकुमारी में दीवार गिरने से 2 लोगों की मौत हो गई। इसमें 2 साल का एक बच्चा और दूसरा 36 साल का व्यक्ति शामिल है।
मौसम विभाग का कहना है कि इस चक्रवात का सबसे ज्यादा असर गुजरात पर पड़ेगा। द्वारका, कच्छ, पोरबंदर, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, अमरेली, राजकोट, मोरबी और जामनगर जिलों में फूस के बने मकान पूरी तरह तबाह हो जाएंगे, मिट्टी के घरों को भी भारी नुकसान होगा, पक्के मकानों को भी कुछ नुकसान पहुंच सकता है। भारी बारिश के कारण कुछ इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हो सकते हैं।
मोदी और अमित शाह की हाई लेवल मीटिंग
तूफान के खतरे को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार तो गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को हाई लेवल मीटिंग की और तैयारियों का जायजा लिया। मीटिंग में केंद्र सरकार के सीनियर अफसरों के साथ-साथ महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक और गुजरात के अधिकारी शामिल हुए।
मोदी की बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि कैबिनेट सचिव तटीय राज्यों के मुख्य सचिवों और संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों/एजेंसियों के लगातार संपर्क में रहेंगे। शाह की बैठक में राहत और बचाव कार्यों की तैयारियों की समीक्षा की गई। इस वर्चुअल बैठक में महाराष्ट्र और गुजरात के मुख्यमंत्रियों के अलावा दमन और दीव और दादरा नगर हवेली के अधिकारी भी इसमें शामिल हुए। गृह मंत्रालय 24 घंटे इस पर नजर बनाए रखेगा और राज्यों के संपर्क में रहते हुए फौरन जरूरी सुविधाएं मुहैया करवाएगा।
वायुसेना अलर्ट; मछुआरों को चेतावनी दी गई
तूफान की संभावना को देखते हुए भारतीय वायुसेना भी अलर्ट मोड में है। वायुसेना ने 16 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और 18 हेलिकॉप्टर को राहत और बचाव कार्य के लिए तैयार रहने के लिए कहा है। गुजरात के कच्छ और सौराष्ट्र के समुद्री इलाकों में साइक्लोन को लेकर कोस्ट गार्ड अलर्ट पर है। साथ ही मछुआरों को समंदर से दूर रहने की चेतावनी दी गई है।
कर्नाटक के 6 जिलों पर बुरा असर
कर्नाटक के 6 जिलों पर इसका काफी बुरा असर पड़ा है। इन जिलों के 73 गांव इससे प्रभावित हुए हैं। इन 6 जिलों में से 3 समुद्री सीमा से सटे हैं। सभी में पिछले 24 घंटों से भारी बारिश हो रही है। यहां 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही है। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा हालात पर नजर बनाए हुए हैं।

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