मीडिया को दूर रखने खेला था ट्वीट कार्ड:
CM ने ट्वीट किया था कि एयरपोर्ट पर उन्हें लेने और छोड़ने कलेक्टर, SP भी न आएं
रविवार को ग्वालियर प्रवास पर आने से पूर्व ही CM शिवराज सिंह ने मीडिया से बचने की तैयारी कर ली थी। वह जानते थे कि मीडिया बीते दिनों ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों, रेमडेसिविर की कालाबाजारी और उसमें खादी के जुड़े लोगाें पर लगे आरोपों पर तीखे सवाल करेगी। इसलिए आने से पूर्व ही CM ने ट्वीट किया था। जिसमें CM ने कहा लिखा था कि कलेक्टर, एसपी, कमिश्नर कोई भी अफसर उनको लेने के लिए एयरपोर्ट न आए, कोई तामझाम न करें। यह उनका निर्देश है।
कोविड के प्रति गंभीरता को दिखााने का मकसद असल में कोविड की आड़ में मीडिया से दूर रहना था। वह मीडिया को फेस करना नहीं चाहते थे। यही कारण रहा कि वह आए और मीडिया से बात करे बिना वापस भोपाल लौट भी गए। साथ ही ट्वीट में यह भी निर्देश दिए कि जनप्रतिनिधि भी एयरपोर्ट न आएं। निर्धारित कार्यक्रम के तहत बात होगी। एक बार फिर उन्होंने अफसरों को कहा कि वह प्रोटोकाल में न उलझें। इस संक्रमण को रोकना हम सबके लिए जरूरी है।
रविवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को कोरोना समीक्षा के लिए ग्वालियर आए थे। उनके साथ केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर व राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया भी आए। पर मुख्यमंत्री के आगमन से पूर्व उनका ट्वीट छाया हुआ है।
भविष्य के लिए तैयार रहना होगा
- संभाग स्तरीय मुख्यमंत्री शिवराज की समीक्षा के बाद बाहर आए राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए तेजी से सकारात्मक दिशा में प्रयास हुए हैं। पर अब जरूरत है कि भविष्य के लिए तैयार रहें। ब्लैक फंगस और बच्चों के लिए सभी मेडिकल कॉलेज में स्पेशल वार्ड बनाए जाएं। ऑक्सीजन प्लांट व अन्य व्यवस्थाएं तेजी से पूरी की जाएं।
केन्द्रीय मंत्री ने भी मुख्यमंत्री के प्रयास को सराहा
- बैठक में शामिल केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने शहर के साथ गांव में भी संक्रमण को रोकने के लिए विशेष प्रयास की बात कही। साथ ही भविष्य के लिए खुद को तैयार करने नर्सिंग स्टाफ से लेकर ऑक्सीजन प्लांट की व्यवस्था करने की बात कही है।
सीएम के ट्वीट ने बढ़ाई मुश्किल
CM के इस ट्वीट के बाद अफसरों की परेशानी बढ़ गई थी, क्योंकि CM के निर्देश भी मानना था और उनको सुरक्षित भी रखना था। क्योंकि इस समय में उनकी सुरक्षा में अफसर कोई चूक नहीं करना चाहते हैं। इसलिए अब अफसर तत्काल नए प्लान में जुट गए हैं। सिलेक्टेड वाहन ही एयरपोर्ट भेजे गए। पर एयरपोर्ट से लेकर कलेक्टोरेट तक कड़ी सुरक्षा लगा दी गई थी।


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