ग्वालियर अनलॉक के एक माह होने को हैं। लेकिन अभी तक पूरी बसें सड़कों पर नहीं उतर पाईं हैं। ग्वालियर से लगभग 450 बस जिसमें राज्य के अंदर परमिट वाली, अंतरराज्यीय परमिट वाली सभी बस शामिल हैं। इनमें से करीब 30 फीसदी बसें ही सड़कों पर अभी उतर पाईं हैं।
बस ऑपरेटर्स के अनुसार, अलग-अलग रूट पर चलने वाले 450 में से अभी 133 बस ही चल रही हैं। इन बसों में 50 फीसदी ही यात्री सफर कर रहे हैं। यात्री कम मिलने के कारण 221 स्थायी परमिट वाली बसों में से अभी 30 ऑपरेटर्स ने ही बस के परमिट उठाए हैं। जबकि 25 ने परमिट उठाने के लिए आवेदन लगा दिए हैं। वहीं 10 बस ऑपरेटर्स ऐसे हैं जिन्होंने 31 जुलाई तक के लिए परमिट सरेंडर कर दिया है ताकि टैक्स नहीं देना पड़े। 377 ऑपरेटर ने टैक्स माफ करने के लिए आरटीओ कार्यालय में ओ फार्म के साथ आवेदन दिया है। अब ऐसे ऑपरेटर्स का विभाग टैक्स वापस करेगा।
सवारी आधी, डीजल महंगा, नहीं निकल रहा खर्च
बसों में 50 फीसदी यात्री सफर कर रहे हैं। डीजल महंगा है। इससे खर्च नहीं निकल पा रहा। ग्वालियर से मुरैना, भिंड, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, दतिया, श्योपुर, आगरा, दिल्ली, छतरपुर, इंदौर, भाेपाल, सतना के लिए कम संख्या में बस चल रही हैं। बस ऑपरेटर्स खर्च तक नहीं निकाल पा रहे।
यात्री घटे तो ट्रेवल्स का काम बंद किया
अशोक नागपाल बस ट्रेवल्स का काम करते थे। लेकिन पिछले 15 माह से उन्होंने ट्रेवल्स का काम पूरी तरह से बंद कर रखा है। उनका कहना था कि कोरोना के चलते उन्होंने ट्रेवल्स का काम बंद कर रखा है। अभी स्थिति खराब है। उनका कहना था कि ट्रेवल्स का काम अब वह दोबारा करेंगे या नहीं इसके बारे में अभी कुछ नहीं कह सकते।
खड़ी हैं 25 बसें, टैक्स माफ करने की मांग
बस ऑपरेटर हरीशंकर पटेल के पास 25 बस हैं। यह बस छतरपुर से आगरा, इटावा और मैनपुरी रूट पर चलती थीं। लेकिन 15 अप्रैल से उन्होंने बस का काम बंद कर दिया है। उनका कहना था कि परिवहन विभाग यदि ढ़ाई माह टैक्स माफ करेगा तो बस चलाने पर विचार करेंगे। उनका कहना था कि बस बेचने की नौबत आ गई है। बस खड़े रहने के कारण बैटरी और टायर तक खराब हो गए हैं। बस की किश्त जमा करना मुश्किल हो रहा है। यदि वह दोबारा बस चलाएंगे तो उनके मेंटेनेंस में ही बड़ी रकम खर्च होगी तब चलने लायक हो पाएंगी।
मप्र बस ऑपरेटर यूनियन के संभागीय अध्यक्ष बलवीर सिंह तोमर के अनुसार बस ऑपरेटर्स को कोरोना के दौर में सबसे अधिक नुकसान हुआ है। बस खड़ी होने के कारण स्टाफ भी दूसरा काम करने लगे हैं। परिवहन विभाग लॉकडाउन पीरियड का टैक्स माफ करे।
ओ फाॅर्म भरकर आवेदन करने वालों का टैक्स का समायोजन होगा
परिवहन विभाग ने 4 राज्यों के बीच चलने वाली अंतरराज्यीय परमिट वाली बसों का संचालन डेढ़ माह के लिए बंद किया था। बसें के संचालन पर विभाग की ओर से कोई रोक नहीं लगाई गई है। जिन बस ऑपरेटर्स ने बसों के परमिट सरेंडर कर ओ फाॅर्म के साथ आवेदन आरटीओ कार्यालय में 30 जून तक करेंगे, उनके द्वारा जमा किए गए एडवांस टैक्स का समायोजन होगा। -मुकेश कुमार जैन, परिवहन आयुक्त
कुछ ने अपना व्यवसाय बदल लिया
बसें बंद होने के कारण कंडक्टर, ड्राइवर ने व्यवसाय ही बदल लिया है। लेकिन ऐसे माहौल में कोई बस खरीदने को तैयार नहीं है। परिवहन विभाग 15 अप्रैल से लेकर 30 जून तक टैक्स माफ करे

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