शिवपुरी लंबे अरसे बाद शासन ने शिक्षकों के स्थानांतरण नीति तो जारी कर दी। लेकिन आवेदन के अंतिम दिन तक शिक्षकों को पोर्टल पर रिक्त पदों की जानकारी नहीं मिली। इस वजह से अपने खर्चे पर स्थानांतरण कराने का सपना देख रहे शिक्षकों को फिर से निराशा हाथ लगी। अधिकारी जहां शाम तक पोर्टल पर रिक्त पद शो होने की बात कह रहे हैं,वही शिक्षक इसे शासन- प्रशासन की मिलीभगत बता रहे हैं ताकि मनमाफिक जगह पर अपनों की पोस्टिंग कर सकें।
दरअसल शासन से मिले निर्देश के बाद जिला शिक्षा अधिकारी दीपक पांडे ने प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल के शिक्षकों की स्थानांतरण प्रक्रिया में शामिल होने के लिए गाइडलाइन जारी की। जिसमें 17 जुलाई तक शिक्षकों को रिक्त पदों पर स्थानांतरण के लिए आवेदन मांगे गए। प्रक्रिया के तहत शिक्षक को 17 जुलाई तक अपना स्थानांतरण आवेदन संपूर्ण जानकारी सहित संकुल प्राचार्य को सौंपना था। इसके बाद 18 जुलाई को आए हुए आवेदनों की संपूर्ण जानकारी बनाकर संकुल प्राचार्य को बीईओ को सौंपना है। 19 जुलाई को यह जानकारी बीईओ सीधे डीईओ कार्यालय को सौंपेंगे। जिसके बाद एकजाई होकर आवेदन भोपाल पहुंचेंगे, जहां से आवेदन यदि जिला स्तर का है तो उसे प्रभारी मंत्री को भेजा जाएगा और यदि जिले से बाहर का है तो फिर विभागीय मंत्री से अनुमोदन लेकर स्थानांतरण आदेश जारी होगा।
प्रक्रिया में पेंच: आखिरी दिन शाम 4 बजे तक पोर्टल पर रिक्त पदों की जानकारी ही अपलोड नहीं
इस पूरी प्रक्रिया में पेंच यह है कि 17 जुलाई शिक्षकों के आवेदन करने की अंतिम तिथि थी,जिसमें संकुल प्राचार्य को उन्हें अपने आवेदन सौंपने थे।पर बहुत से शिक्षक मनचाही जगह के आवेदन इसलिए नहीं सौंप पाए क्योंकि पोर्टल पर रिक्त पद शो नहीं हुए। जबकि कुछ ऐसे शिक्षक भी थे जिन्होंने अपने जुगाड़ से बाबुओं के माध्यम से रिक्त पदों की जानकारी ले ली और संकुल प्राचार्य को आवेदन भी कर दिए। पर बहुतेरे शिक्षक ऐसे रहे जो अंतिम दिन पोर्टल पर रिक्त पद खुलने का इंतजार करते रहे। शनिवार शाम 4 बजे तक यह रिक्त पद शो नहीं हो सके। अब अध्यापक संघ के जिला अध्यक्ष स्नेह सिंह रघुवंशी ने बड़ा सवाल यह उठाया है कि जब रिक्त पद अंतिम दिन तक जारी नहीं करने थे तो फिर समय सीमा निर्धारित क्यों की गई, या फिर अपनों को ही बेक रास्ते से मनचाही जगह पोस्टिंग करनी थी तो फिर स्थानांतरण पॉलिसी सभी शिक्षकों के लिए जारी क्यों की गई। उन्होंने यह भी कहा कि इस बार अलग-अलग शिक्षकों के स्थानांतरण आदेश पोर्टल पर जारी होंगे। जिससे यह पता नहीं चल सकेगा कि किस शिक्षक का स्थानांतरण कहां हुआ। सिर्फ संबंधित शिक्षक को यह जानकारी मिल सकेगी। ऐसे में जिन शिक्षकों को इन स्थानांतरण के खिलाफ दावे आपत्ति लगाने हैं, वह कैसे अपनी परेशानी व्यक्त कर सकेंगे।
इन शिक्षकों के प्रकरण से समझें स्थानांतरण प्रक्रिया की परेशानी
हाई स्कूल मडवासा में पदस्थ शिक्षिका गायत्री कुशवाह ने बताया कि वह स्कूल में एकमात्र शिक्षिका है। और 2002 से वह काम कर रही है। अब चाहती हैं कि अपनी मनचाही जगह स्थानांतरण हो जाए। इसलिए पोर्टल पर बार- बार क्लिक करके देख रही है, लेकिन खाली जगह शो नहीं हो रही। आवेदन करने का अंतिम दिन आज है। इसलिए हमने संकुल प्राचार्य को मनमाफिक जगह खतौरा का स्थानांतरण आवेदन तो दे दिया है, लेकिन हमारा स्थानांतरण होगा कि नहीं यह तय नहीं है, क्योंकि पोर्टल पर खतौरा की जगह शो नहीं हो रही कि यहां रिक्त पद है या नहीं।
ऐसा पहली बार हुआ है जब ट्रांसफर पॉलिसी में शाला पर यदि एक शिक्षक भी पदस्थ है तो वह ट्रांसफर ले सकता है। शासकीय हाई स्कूल बामोर खुर्द में पदस्थ शिक्षक धर्मेंद्र सिंह रघुवंशी ने बताया कि दरअसल अब तक प्राइमरी में 3 शिक्षक, माध्यमिक में 4 शिक्षक और 9- 12 में विषय वार शिक्षक के रिक्त पदों के आधार पर ही स्थानांतरण होते थे। लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। इसलिए मैंने भी शासकीय हाई स्कूल बामोर खुर्द से शासकीय हाई स्कूल सजाई के लिए आवेदन किया है। पर पोर्टल पर रिक्त पदों की सूची शो नहीं हो रही। फिर भी मैंने अपने सूत्र से जानकारी एकत्रित कर ट्रांसफर को आवेदन किया है,अब देखते हैं स्थानांतरण होता है कि नहीं।
प्रायमरी के तो पद शो हो रहे हैं, शेष पद भी शो होने लगेंगे
यह बोले जिला शिक्षा अधिकारी जिले से बाहर जिनके स्थानांतरण होने हैं,उनके प्रकरण 19 से 24 तक हमें भोपाल भेजने है और जिले के जिले में जिनके स्थानांतरण होने हैं वह 25 से 31 के बीच हो सकेंगे। जहां तक पोर्टल पर रिक्त पदों के शो होने की बात आप कह रहे हैं तो प्रायमरी के तो पद शो हो रहे हैं, शेष पद शाम तक शो होने लगेंगे

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