सोयाबीन-मूंगफली अंकुरण खेतों में ही मुरझाकर नष्ट हो रहा, किसानों को 136 करोड़ का नुकसान
इस बार मानसून के धोखा देने से जिले में खरीफ फसलों की बोवनी बुरी तरह प्रभावित हो गई है। 15 जुलाई तक कुल 17% औसत बारिश ही दर्ज हुई है, जो जिले में अभी तक होने वाली औसत बारिश से 25% कम है। पानी नहीं बरसने से 40% बोवनी पिछड़ गई है। मामूली बारिश में किसानों ने 7.41 लाख बीघा में सोयाबीन और मूंगफली की बोवनी कर दी थी लेकिन बरसात नहीं हाेने से तेज धूप में अंकुरण खेतों में ही मुरझाकर नष्ट हो रहा है। जिले में लाखों किसानों को 136 करोड़ रुपए से अधिक के नुकसान की आशंका है।
जिले में कुल औसत 816.3 मिमी बारिश में से 139.94 मिमी औसत बारिश हुई है। जबकि कायदे से अभी तक 350 मिमी से 400 मिमी बारिश हो जानी थी। किसानों ने महज 17% मामूली बारिश में ही 40% में साेयाबीन व 80% में मूंगफली की बोवनी कर दी है। अब बरसात नहीं होने और 37 से 40 डिग्री सेल्सियस तापमान में अंकुरण खेतों में ही मुरझाकर नष्ट हो रहा है। कम बारिश में बोवनी करके किसानों को लागत के रूप में भारी नुकसान हो गया है। बता दें कि जिले में सबसे अधिक 2.12 लाख हैक्टेयर में सोयाबीन की बोवनी का लक्ष्य रख था। पानी नहीं बरसने से बोवनी नहीं हो पाने से 1.27 लाख हैक्टेयर रकबा सीधे तौर पर घट गया है।
बोवनी के बाद पानी नहीं बरसा, अंकुरित पौधे खेतों में ही जलकर नष्ट हो रहे हैं
बदरवास तहसील के ग्राम सगाई निवासी किसान भरत रघुवंशी ने बताया कि उन्होंने 18 बीघा में 22 जून को सोयाबीन की बोवनी की है। तब से अब तक ना के बराबर पानी बरसा है। अंकुरित पौधे खेतों में ही जलकर नष्ट हो रहे हैं। ऐसा बीते सालों में नहीं हुआ। तीन बार हकाई व जुताई की। बीज 8500 रु. प्रति क्विंटल के मान से 4 क्विंटल खरीदकर बोया है। जबकि डीएपी प्रति बीघा 10 किग्रा के मान से 1200 रु. भाव से 4 कट्टे खरीदकर डाला है। आसपास गांवों में 90% खेत खाली पड़े हैं।
कुएं सूखे पड़े होने से मूंगफली की फसल में पानी भी नहीं दे पा रहे किसान
पिछोर तहसील के ग्राम बमना के रहने वाले किसान लोकपाल सिंह लोधी ने बताया कि 18 जून को 18 बीघा में मूंगफली की बोवनी कर दी थी। पानी नहीं बरसने से खेत में पौधे सूखने लगे हैं। कुएं सूखे पड़े हैं, इसलिए फसल में पानी भी नहीं दे पा रहे हैं। मूंगफली बीज 10 हजार रु. प्रति क्विंटल के भाव से 30 हजार का 3 क्विंटल खरीदा था। 300 रु. के भाव से खरीदकर 18 बोरी खाद अलग से डाला। तीन बार हवाई, जुताई व बोवनी में 800 रु. प्रति घंटे के हिसाब से 9600 रु. ट्रैक्टर का भाड़ा दिया है।
पानी नहीं मिल रहा, ऊपर से सीधी धूप पड़ने से अंकुरण जलकर नष्ट हो रहा
इस साल कृषि विभाग ने कुल 4.65 लाख हैक्टेयर में खरीफ बोवनी का लक्ष्य निर्धारित किया है लेकिन मानसून के रूठ जाने से खरीफ फसल बोवनी के निर्धारित लक्ष्य से काफी पिछड़ गए हैं। बोवनी के बाद खेतों में अंकुरण फूट आया। पानी नहीं बरसने और ऊपर से तेज धूप पड़ने से अंकुरण जलकर नष्ट हो रहा है। कुल मिलाकर आकार लेने से पहले ही फसल बर्बाद हो गई है।
कम समय वाली किस्मों की बोवनी कर सकते हैं
शिवपुरी जिले में खरीफ फसलों की 40% बोवनी नहीं हो सकी है। मूंगफली की 80% और सोयाबीन की 40% बोवनी हुई है। आज-कल में पानी बरसने पर ही किसान सोयाबीन की कम अवधि वाली किस्में और तिल, उड़द, मूंग आदि बोवनी जरूर कर सकते हैं। यूएस तोमर, उप संचालक, कृषि, शिवपुरी

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