शिवपुरी के मेडिकल कॉलेज से सोमवार को एक नवविवाहिता के कथित अपहरण की खबर सामने आई। दिनभर चली अफवाहों, चक्काजाम और पुलिस की खोजबीन के बाद रात में ये पता चला कि ये कोई अपहरण नहीं बल्कि एक सोची-समझी प्रेम कहानी का 'प्लॉट' था, जिसे समाज में बदनामी से बचने के लिए परिजनों ने 'किडनैपिंग' का नाम दे दिया।
घटना की शुरुआत सोमवार दोपहर चार बजे हुई, जब रामनगर की रहने वाली मिथलेश परिहार ने कोतवाली पहुंचकर बताया कि उसकी बेटी प्रीति परिहार (20) का मेडिकल कॉलेज से लौटते समय अपहरण हो गया है। मिथलेश के मुताबिक, जब वे दोपहर डेढ़ बजे ऑटो में मेडिकल कॉलेज से निकलीं, तभी 500 मीटर दूर एक काली कार ने ऑटो को रोका। उसमें से 5 लोग बहार निकले और मिथलेश को धक्का देकर नीचे गिरा दिया और बेटी प्रीति को जबरन गाड़ी में डालकर ले गए। उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें कोई नशीली चीज सुंघाई गई, जिसके कारण वो विरोध नहीं कर पाई।
बचपन में मां की मौत हुई, ताई ने पाला
प्रीति की मां का बचपन में ही निधन हो गया था। उसके पिता शराब के आदी थे। ऐसे हालात में उसकी ताई मिथलेश परिहार ने उसे अपनी बेटी की तरह पाला-पोसा और शादी करवाई। लेकिन जब बेटी ने बोला की वो अपने प्रेमी के बिना नहीं रह सकती और जहर खा लेगी तो मां ने ये साजिश रची।
सीसीटीवी खंगाले तो सामने आई सच्चाई
शुरुआत में पुलिस को मिथलेश की बातों पर संदेह हुआ, क्योंकि पूछताछ में वो बार-बार बेहोश होने का नाटक कर रहीं थी। जब कोई ठोस सुराग नहीं मिला, तो पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगालना शुरू किया। मेडिकल कॉलेज से लेकर माधव चौक तक के फुटेज में प्रीति और मिथलेश को ऑटो में बैठकर आते, उतरते और फिर मिर्ची बाजार की ओर जाते हुए देखा गया। ये सब डेढ़ बजे के बाद की गतिविधियां थीं, जिससे पता चला कि अपहरण की कहानी झूठी थी।
मां ने बेटी भगाने की बात कबूली
पुलिस ने मां मिथलेश को सीसीटीवी फुटेज दिखाए। इसके बाद उसने बताया कि ये पूरा मामला समाज में बदनामी से बचने के लिए रचा गया था। प्रीति अपने प्रेमी अमन कश्यप से शादी करना चाहती थी, जो कि कानपुर का निवासी है और तीन साल से शिवपुरी के रामनगर टोल प्लाजा पर काम कर रहा है। दोनों के बीच दो साल से प्रेम-प्रसंग चल रहा था।
प्रेमी के साथ भागकर कानपुर पहुंची प्रीति
पुलिस की जांच में सामने आया कि अमन कश्यप सोमवार दोपहर अपनी कार से शिवपुरी आया और प्रीति को लेकर सीधे कानपुर निकल गया। पुलिस ने भाई दीपक को अपनी बहन प्रीति परिहार को फोन लगाने कहा और उससे बाद की। जैसे ही सच्चाई सामने आई, कोतवाली पुलिस रात ढाई बजे कानपुर रवाना हो गई है।
'पूरा मामला झूठे अपहरण की कहानी पर आधारित'
कोतवाली प्रभारी कृपाल सिंह राठौड़ ने बताया कि ये पूरा मामला झूठे अपहरण की कहानी पर आधारित था। पुलिस प्रीति को बरामद कर जल्द ही पूरे मामले का खुलासा करेगी।
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