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19 साल बाद जुलाई का तीसरा सप्ताह सबसे गर्म रहा, अब 19 से बारिश के आसार



बारिश न हाेने से रायरू के पास बिना फसल के सूखे पड़े खेत। फोटो : भास्कर
  • 22 दिन में 19 दिन अंचल प्रदेश में सबसे गर्म रहा, इनमें भी 14 दिन तो ग्वालियर ही
  • 19 साल बाद जुलाई का तीसरा सप्ताह सबसे गर्म रहा, अब 19 से बारिश के आसार

मानसून की आमद के बावजूद अंचल से बादल रूठे हैं। नतीजा, जुलाई के 16 दिन बीत चुके हैं, इनमें सिर्फ 5 दिन हल्की बारिश हुई है। इस दाैरान ग्वालियर शहर में 24.4 मिमी बारिश दर्ज की गई। वहीं 19 साल पहले जुलाई 2002 में 14.5 मिमी बारिश हुई थी।

अगर हिंदी मास आषाढ़ की बात करें ताे 22 दिन निकल चुके हैं। इनमें बारिश न हाेने से 19 दिन प्रदेश में अंचल के जिले सबसे गर्म रहे। इनमें भी 14 दिन तो ग्वालियर सबसे गर्म रहा। जुलाई 2002 यानी, 19 साल बाद जुलाई का तीसरा सप्ताह इतना गर्म रहा है। शुक्रवार काे प्रदेश में ग्वालियर सबसे गर्म रहा। यहां अधिकतम पारा 41.4 डिग्री रहा जाे सामान्य से 7.6 डिग्री ज्यादा है। इससे लोगों काे लू चलने का अहसास हुआ। मौसम विभाग के अनुसार ग्वालियर-चंबल अंचल में 19 से 21 जुलाई तक बारिश के आसार हैं।

आस... बारिश के लिए अब पूजा-पाठ

ग्वालियर जिले में खऱीफ की बोवनी का रकबा 1 लाख,91 हजार हेक्टेयर है लेकिन बोवनी 4 हजार हेक्टेयर में ही हुई है। जिले के घाटीगांव में इंद्र देवता को मनाने के लिए लोगों ने पूजा-पाठ आैर अनुष्ठान का सहारा लेना शुरू कर दिया है। यहां पिछले तीन साल लगातार कम बारिश हो रही है। इस बार भी अभी तक ऐसे ही आसार हैं।

संकट...पीने के लिए 300 रु. में खरीद रहे पानी

पाटई के सरपंच दिलीप रावत कहते हैं- क्षेत्र में पीने के पानी का भी संकट है। 90 से ज्यादा नलकूपों से लोग 300 रुपए महीना देकर पीने के लिए पानी खरीद रहे हैं। पीएचई ने ग्रामीण क्षेत्र में 185 बोर कराए हैं लेकिन भू-जल स्तर 200 फीट तक नीचे उतर गया है। एक हजार फीट गहरे नलकूप से डेढ़ इंच पानी मिल रहा है। सोेजना आैर अमरगढ़ में 6 बोर में तो 800-1000 फीट पर भी पानी नहीं निकला। घाटीगांव में 225 हैंडपंप सूख चुके हैं और 320 में पानी कम होने से पंप डालने पड़े हैं।

क्यों रूठे हैं बादल

इस बार बारिश नहीं होने का प्रमुख कारण बंगाल और अरब सागर ब्रांच में नियमित रूप से सिस्टम न बनना है। आम तौर पर मानसून सीजन में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय नहीं रहते। लेकिन इस बार पश्चिमी विक्षोभ का आना जारी है। यह नमी को खींच ले जाते हैं। इस कारण बारिश नहीं हो रही है। -पीके शाहा, मौसम वैज्ञानिक

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