मध्यप्रदेश के धार में एक जर्जर मकान की खुदाई के दौरान मजदूरों को एक दिन पहले सोने की 86 गिन्नियां मिली हैं। इंदौर से आई आर्कियोलॉजिकल डिपार्टमेंट की टीम ने सोमवार को गिन्नियों की जांच की। जांच में ये गिन्नियां 200 साल पुरानी पाई गई हैं। इनका संबंध जोधपुर रियासत से है। एक गिन्नी करीब 11 ग्राम की है।
टीम ने जांच में पाया कि 84 गिन्नियां हैं, बाकी 2 गिन्नी जैसे दिखने वाले सोने के टुकड़े या किसी लॉकेट का हिस्सा हो सकते हैं। ये मुगलकालीन हैं। इस पर आगे रिसर्च की जाएगी।
इंदौर पुरातत्व विभाग संग्रहालय से आए अधिकारी ने पुलिस कोतवाली जाकर जब्त गिन्नियां देखीं। टीम अपनी रिपोर्ट अब हेड ऑफिस भेजेगी। इंदौर से आए पुरातत्व विभाग के आशुतोष महाशब्दे ने बताया कि गिन्नियों पर लिखी भाषा के बारे में इंदौर जाकर जांच करेंगे।
जहां से गिन्नियां मिलीं, टीम ने वहां खुदाई करवाई
इंदौर से आई टीम ने जिस जगह गिन्नियां मिलीं, वहां करीब एक डेढ़ घंटे तक खुदाई कराई, लेकिन कुछ नहीं मिला। इसके ठीक सामने भी खोदा गया, यहां टूटे हुए करवे (मिट्टी के छोटे घड़े) के कुछ टुकड़ों के अलावा कुछ नहीं मिला। इसके बाद टीम वापस लौट गई। इस दौरान तहसीलदार विनोद राठौड़ और टीआई समीर पाटीदार मौजूद रहे। वहीं, एक गिन्नी जिस किसी भी व्यक्ति को मजदूर ने बेची है, पुलिस उसका पता लगा रही है
गिन्नियों का वजन 10 से 11 ग्राम के आसपास है। सभी जोधपुर रियासत की बताई जा रही हैं
ये है मामला
धार में नालछा दरवाजा इलाके के पास चिटनीस चौक में शिवनारायण राठौड़ का मकान है। मकान दो हिस्सों में बना हुआ है। एक हिस्से में परिवार रहता है। दूसरा हिस्सा जर्जर था और इसे तोड़कर नया मकान बनाया जा रहा है। मजदूर एक महीने से यहां काम कर रहे हैं। मजदूरों को जन्माष्टमी और इसके दो दिन बाद दीवार गिराते समय गिन्नियां मिली थीं। इसे 8 मजदूरों ने आपस में बांट लिया था। इसकी भनक मकान मालिक शिवनारायण तक को नहीं थी। सभी 8 मजदूर हिम्मतगढ़ के रहने वाले हैं और पुलिस इन्हें गिरफ्तार कर चुकी है।
इन 8 मजदूरों को खजाना मिला था। इसे इन्होंने आपस में बांट लिया था। मकान मालिक तक को भनक नहीं लगने दी थी। बाद में पुलिस ने सभी को अरेस्ट किया
धार महाराज ने बसवाया था चिटनिस चौक इलाका
धार में चिटनिस चौक इलाके का नाम पहले नवादपुरा हुआ करता था। इस इलाके में धार महाराज के यहां पर अलग-अलग पदों पद पदस्थ कर्मचारी रहते थे, जो महाराष्ट्रीयन परिवार से जुड़े थे। शिवनारायण का कहना है कि उनका परिवार 100 साल से यहां रह रहा है
जोधपुर रियासत राजस्थान के मारवाड़ इलाके में 1250 से 1949 तक रही। ये राजपूताना की सबसे बड़ी रियासत थी। इसके अंतिम शासक ने इसके भारत में विलय पर 1 नवंबर 1956 को साइन किए थे
100 साल से रहता आ रहा राठौर परिवार
जिस शिवनारायण राठौर के मकान में खजाना निकला है, उनका परिवार 100 साल से इसी मकान में रह रहा है। शिवनारायण की किराना दुकान है। बेटा अनूप ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों का सामान होम डिलीवरी करने का काम करता है। 2600 वर्ग फीट (40 बाय 65) का पूरा प्लॉट है। 18 बाय 60 का हिस्सा जर्जर होने पर इसे तोड़कर नया बनाया जा रहा है। एक महीने पहले ही शिवनारायण ने ये काम शुरू कराया था।
पीएम आवास योजना के तहत जनवरी 2022 में राशि स्वीकृत हुई थी। अभी दीवार और छज्जा तोड़ा जा चुका है, नींव तोड़ने का काम बाकी है। धन जमीन में नहीं, दीवार में मिला है, ऐसे में कानूनी जानकारी लेने के बाद परिवार धन सुपुर्द करने के लिए आवेदन कर सकता है।
वर्तमान में दीवार सहित जर्जर हिस्सा ही टूटा था, घर की नींव तोडने का काम भी अभी बाकी था, जिसके बीच में ही धन निकलने की बात सामने आ गई। परिवार से जुडे लोगों के अनुसार धन जमीन में नहीं मिलते हुए दीवार में मिला है, ऐसे में कानूनी जानकारी लेने के बाद परिवार के लोग इस धन को सुपुर्द करने के लिए आवेदन भी कर सकते हैं
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