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मध्य प्रदेश बोर्ड परीक्षाओं के लिए नई गाइडलाइन जारी | MP Board exam 2020 new guideline

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भोपाल। माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित हाई स्कूल और हायर सेकंडरी की बोर्ड परीक्षाओं के लिए एक नई गाइडलाइन जारी की है। इसमें प्रदेश के सभी प्राचार्यों, मूल्यांकन अधिकारी व केंद्राध्यक्षों को नकल प्रकरण बनाए जाने के संबंध में चार बिंदुओं वाले दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि अगर कोई छात्र नकल प्रकरण बनने के बाद केंद्राध्यक्ष से अभद्रता करता है या फिर किसी प्रकार की धमकी देता है तो उसकी पूरी परीक्षा निरस्त किए जाने की कार्यवाही की जा सकती है

नकलची छात्र ने अभद्रता की तो पूरी परीक्षा निरस्त कर दी जाएगी

माध्यमिक शिक्षा मंडल की सचिव कामना आचार्य द्वारा जारी दिशा-निर्देश में कहा गया है कि छात्र से एक विषय में नकल सामग्री मिलने, चिट को निगलने, उत्तर पुस्तिका बदलना, फाड़ना या उत्तर पुस्तिका को लेकर भाग जाने और नकल फॉर्म पर हस्ताक्षर करने से इनकार करने जैसी स्थिति निर्मित होती है तो छात्र की उक्त विषय की परीक्षा निरस्त कर सकते हैं। ऐसे में उत्तरपुस्तिका का मूल्यांकन भी नहीं कराया जाए। वहीं, छात्र द्वारा एक विषय या एक से अधिक विषयों में नकल पर्यवेक्षक, केंद्राध्यक्ष से दुर्व्यवहार करना, छात्र के स्थान पर अन्य किसी व्यक्ति द्वारा परीक्षा देना पाया जाना या किसी से लिखित सहायता लेना पाया जाता है तो उक्त छात्र की पूरी परीक्षा को निरस्त किया जा सकता है। 

परीक्षा केंद्र पर सामूहिक नकल मिली तो क्या कार्यवाही होगी

अगर किसी केंद्र पर सामूहिक नकल का प्रकरण बनता है तो कलेक्टर, जिला शिक्षा अधिकारी व अन्य वरिष्ठ अधिकारी, केंद्राध्यक्ष आदि द्वारा नकल प्रकरण प्रमाणित होने पर सभी परीक्षा निरस्त की जा सकती है। अगर किसी विभागीय अफसर द्वारा इस कार्य में सहभागिता पाई जानी है तो आगामी पांच वर्ष के लिए उसे परीक्षा कार्यों से वंचित किया जाना और उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा सकती है। 

मूल्यांकन के दौरान सामूहिक नकल पकड़ने का पैटर्न

इसके अलावा अगर मूल्यांकन के दौरान सामूहिक नकल मिलती है तो उत्तर पुस्तिकाओं की जांच के दौरान परीक्षा केंद्र की कम से कम 10 उत्तर पुस्तिकाओं में हल किए गए एक तिहाई उत्तर, एक ही भाषा शैली में, एक ही तरीके से लिखे गए हों, भले ही प्रश्न पत्रों के क्रम बदलकर किए गए हों तो उन्हें सामूहिक नकल श्रेणी में रखा जाएगा। ऐसे छात्रों की सभी उत्तर पुस्तिकाओं की जांच की जाएगी और उसकी सभी विषयों की परीक्षा व परिणाम निरस्त कर दिया जाएगा।

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