शिवपुरी। कोरोना वायरस ने जब मध्यप्रदेश में प्रवेश किया, तो जबलपुर के बाद शिवपुरी दूसरा ऐसा जिला था, जब २ कोरोना पॉजीटिव मरीज मिले।
लेकिन उन पॉजीटिव के परिजनों की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद यह माना जाने लगा कि शिवपुरी में संक्रमण नहीं फैल रहा तथा यहां पर संक्रमित से संक्रमित होने की दूसरी स्टेज में कोरोना नहीं पहुंच सका।
शुरुआती दौर में जो 2 पॉजीटिव मिले, उनमें एक सऊदी अरब से तो दूसरा हैदराबाद से लौटकर आया था। जबकि 2 पॉजीटिव ना केवल रेड जोन से आए, बल्कि एक तो शिवपुरी का रहने वाला भी नहीं है।
गौरतलब है कि जब देश में पहला लॉकडाउन शुरू हुआ तो 23 मार्च को शिवपुरी में पहला तथा 26 मार्च को दूसरा पॉजीटिव मरीज मिलने से हर कोई चिंतित हो गया।
प्रशासन सहित पुलिस ने बिना देर किए शिवपुरी शहर व जिलेभर में कफ्र्यू लगा दिया गया। पुलिस ने पूरी सख्ती दिखाई, ताकि कोरोना ना फैल सके।
इस बीच दोनों पॉजीटिव दीपक शर्मा निवासी शिवपुरी शहर व समीर कुरेशी खनियांधाना शिवपुरी, इलाज के बाद दोनों पूरी तरह से स्वस्थ होकर अपने घर पहुंच गए।
जब दोनों कोरोना मरीज स्वस्थ हो गए तो शिवपुरी जिला ग्रीन जोन में आ गया। शिवपुरी के ग्रीन जोन में आते ही प्रशासन ने बाजार में किए गए लॉकडाउन में राहत देने की तैयारी की, तभी देववंद मुस्लिम विश्वविद्यालय से प्रशासनिक परमिशन पर शिवपुरी आए शोएब के भेजे गए सैंपल की रिपोर्ट पॉजीटिव आ गई।
दूसरे चरण के लॉकडाउन में यह तीसरा पॉजीटिव मिला, जो मूलत: कोलारस शिवपुरी का रहने वाला है, लेकिन वापस आने के बाद वो कोलारस अपने घर ना जाते हुए शिवपुरी की ईदगाह के मदरसे में रूक गया।
इसके कुछ दिन बाद ही महाराष्ट्र से बस्ती उत्तरप्रदेश अपने घर जा रहे दीपक की हालत बिगडऩे पर उसे शिवपुरी के आईसोलेशन वॉर्ड में भर्ती कराया गया और उसका सैंपल जांच के लिए भेजा।
जब उसकी रिपोर्ट आई तो वो भी पॉजीटिव निकला। चूंकि सैंपल शिवपुरी से भेजा गया, इसलिए वो कोरोना पॉजीटिव मरीज के रूप में शिवपुरी के खाते में गिना गया, जबकि वो रहने वाला बस्ती उ.प्र का है। इन दोनों मरीजों का जिला अस्पताल के आईसोलेशन वॉर्ड में इलाज चल रहा है।
प्रशासन की सख्ती व आमजन की जागरूकता
प्रदेश में कोरोना मरीज मिलने वाला दूसरा जिला होने के बाद भी शिवपुरी में संक्रमण नहीं फैल सका। उसके लिए शिवपुरी का जिला प्रशासन व पुलिस की सख्ती रही, जिसमें लोगों को नियमों का पालन कराने में किसी तरह की रियायत नहीं दी गई।
एक तरफ जहां प्रशासन अलर्ट रहा, वहीं दूसरी ओर जिले की जनता पूरी तरह से जागरूक रही। रेड जोन सहित बाहर से आने वाले लोगों पर शहर सहित गांव में आस-पड़ोस वालों की नजर बनी रही।
जैसे ही उन्हें किसी के बाहर से आने की सूचना मिली तो उन्होंने बिना देर किए स्वास्थ्य विभाग सहित प्रशासन को अवगत कराया। जिसके चलते बाहर से आने वाले हजारों लोग होम क्वारंटीन किए गए तथा संक्रमण फैलने से बचा रहा। यह सक्रियता अभी भी बनी हुई है।
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