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6 दिन बाद पहला डाेज लगाया इसलिए कई केंद्रों पर दोपहर में खत्म हुई वैक्सीन, आज और कल नहीं होगा टीकाकरण

 


ग्वालियरशहर में 6 दिन बाद लाेगाें काे काेराेना से बचाव के टीके का पहला डाेज लगाया गया इसलिए गुरुवार को लक्ष्य़ से ज्यादा लोग वैक्सीन लगवाने पहुंचे। कुल 21370 को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया था, जबकि 23262 लोगों को सुरक्षा का टीका लगाया गया। इसमें 17179 लोगों ने पहला तो 6083 लोगोँ ने दूसरा डोज लगवाया।

खास बात यह रही कि स्वास्थ्य विभाग ने पहले डोज के लिए 19450 का लक्ष्य तय किया था, लेकिन 17179 लोग ही पहला डोज लगवा सके। जबकि दूसरे डोज के लिए 1920 का लक्ष्य तय किया था। हालांकि, दूसरा डोज लगवाने वालों की संख्या 6083 रही। इससे भी ज्यादा राहत देने वाली बात ये रही कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में टीकाकरण की संख्या बराबर रही।

दोनों स्थानों पर 15103-15103 लोगों को टीका लगाया गया। वहीं शुक्रवार के साथ ही शनिवार को टीकाकरण नहीं होगा। शुक्रवार को नियमित टीकाकरण के कारण कोविड टीकाकरण का कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाता। जबकि शनिवार के लिए भोपाल से वैक्सीन नहीं मिलने के कारण संशय है। गौरतलब है कि इससे पहले एक जुलाई को 40 हजार लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन 42180 लोगों को वैक्सीन लगाई गई थी।

जयारोग्य चिकित्सालय में लगी कतार, 82 साल के एनआरआई ने लगवाई वैक्सीन

चेंबर ऑफ कॉमर्स में गुरुवार को 82 साल के एनआरआई स्वतंत्र कुमार को वैक्सीन का पहला डोज लगाया गया। चेंबर के मानसेवी सचिव प्रवीण अग्रवाल ने बताया कि ये शहर का पहला मामला है जब किसी एनआरआई ने यहां टीका लगवाया। जिला टीकाकरण अधिकारी ने भी इसकी पुष्टि की। अग्रवाल ने बताया कि स्वतंत्र कुमार के पास दस्तावेज के रूप में केवल पासपोर्ट ही था। इस कारण टीका लगाने से पहले भोपाल स्थित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से मार्गदर्शन लिया गया था।

केंद्राें से लाइव

  • जिन केंद्रों पर वैक्सीन लगाने का काम समय से शुरू हुआ, वहां 12 बजे के बाद से ही वैक्सीन का संकट खड़ा होने लगा था।
  • जिला अस्पताल में टीकाकरण का कार्यक्रम देरी से शुरू हुआ। इस कारण यहां काफी लंबी कतार देखने को मिली।
  • सिविल अस्पताल हजीरा में भी लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए काफी परेशान होना पड़ा।
  • जयारोग्य चिकित्सालय में लंबी लाइन देखने को मिली। महिलाओं के लिए अलग लाइन बनाई गई, ताकि उन्हें ज्यादा देरी तक रुकना नहीं पड़े।

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