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Shivpuri जिला अस्पताल की गैलरी में जन्मा बच्चा, तत्काल हुई मौत : सुविधा होने के बावजूद प्रसूता को भेजा प्राइवेट सोनोग्राफी कराने, बापसी में हुई घटना

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> सुविधा होने के बावजूद प्रसूता को भेजा प्राइवेट सोनोग्राफी कराने ?


>जिला अस्पताल की गैलरी में जन्मा बच्चा ?



शिवपुरी के जिला अस्पताल में नवजात ने गैलरी में ही जन्म दे दिया। जिससे नवजात की मौत हो गई। बता दें कि यह घटना तब हुई जब प्रसूता का सोनोग्राफी प्राइवेट सेंटर से कराकर लाया जा रहा था। नवजात की मौत से भड़के परिजनों ने नर्सिंग स्टाफ पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। बता दें कि प्रसूता की शादी डेढ़ साल पहले हुई थी और यह उसकी पहली डिलीवरी थी। जानकारी के मुताबिक़ पिपरसमा गांव की रहने वाली दीपा धाकड़ पत्नी सुनील धाकड़ को आज शनिवार को डिलीवरी के लिए भर्ती कराया गया था। दीपा के पति सुनील धाकड़ ने बताया कि दीपा का इलाज डॉ नीरजा शर्मा के यहां चल रहा था। सुबह उनके घर दिखाया था। जहां उन्होंने पत्नी दीपा में आयरन की कमी बताते हुए। जिला अस्पताल में भर्ती कराने को कहा था। सुबह 9 बजे दीपा को जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया था। इसके बाद दिनभर उसका उपचार नहीं किया गया। 

गैलरी में नवजात ने दिया जन्म - ?

दीपा धाकड़ की मां सुशीला धाकड़ ने बताया कि दिन भर बेटी के दिन भर तेज दर्द होता रहा। कई वार नर्सिग स्टाफ और डॉक्टर से बेटी को देखने की गुहार लगाई लेकिन कोई भी डॉक्टर बेटी देखने नहीं आया। उसे डॉक्टर और नर्सों ने केबीन से भगा दिया गया। चार बजे के लगभग बेटी की बाहर से सोनोग्राफी कराने के लिए लिख दिया गया था। जबकि जिला अस्पताल में सोनोग्राफी की सुविधा थी। नर्सिग स्टाफ ने प्राइवेट सोनोग्राफ़ी कराने की बात कही थी। वह बेटी को टेक्सी से लेकर उमा जैन के सेंटर पर सोनोग्राफी कराने पहुंची थी। बापस आने पर अस्पताल की गैलरी में बेटी दीपा ने नवजात को जन्म दे दिया। इसके कुछ सेकेण्ड के भीतर नवजात बच्ची की मौत हो गई !

जिला अस्पताल में सुविधा होने के बावजूद डॉक्टर ने प्राइवेट सोनोग्राफी के लिए क्यों भेजा -?

नाराज परिजनों ने सिविल सर्जन डॉ बीएल यादव से इस मामले की शिकायत कराई हैं। बता दें कि जिला अस्पताल में सोनोग्राफी की सुविधा उपलब्ध होने के बावजूद प्रसूता को जिला अस्पताल से बाहर प्राइवेट सोनोग्राफी कराने के लिए मजबूर किया गया। इसके चलते यह घटना घट गई। सिविल सर्जन डॉ बीएल यादव ने भी यह बात स्वीकार की हैं कि प्रसूताओं को सोनोग्राफी कराने बाहर नहीं भेजा जाता हैं उनके लिए जिला अस्पताल में यह सुविधा उपलब्ध कराई जाती हैं। ऐसे में किस डॉक्टर द्वारा प्रसूता को बाहर से सोनोग्राफी कराकर लाने के लिए कहा गया वह इसकी जांच कर रहे हैं।

खिर कौन है इस का जिम्मेदार  ?

जिला अस्पताल से चलती है प्राईवेट क्लिनिक ?

पिछले आठ माह से नीरजा शर्मा के यहां प्राईवेट क्लीनिक पर हर माह फीस देकर दिख बाते थे परन्तु डॉ ने एक बार भी नही बोला की जच्चा बच्चा मे किसी भी प्रकार की कोई कमी है

फिर बच्चे का जन्म होते ही क्यों हुई मौत ?

आखिर जिला अस्पताल के डॉक्टर कितने प्राइवेट क्लीनिक चलाते है ? 

अस्पताल से बाहर क्लीनिक चलाने किस की है परमीशन  ?


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