बिर्रा-: दीवान मोहल्ला में शारदीय नवरात्र के अंतिम दिन मां दुर्गा के नौंवे स्वरूप सिद्धिदात्री की पूजा की गई। घरों व मंदिरों में श्रद्धालुओं ने हवन-पूजन कर कन्या भोज का आयोजन किया। श्रद्धालुओं ने विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर व्रत का पारायण किया। नवमी तिथि पर कन्या पूजन किया गया। नवरात्र के अंतिम दिन भोर होते ही देवी मंदिरों में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। जगह-जगह स्थापित पूजा पंडालों में पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। घरों व मंदिरों में कन्याओं को भोजन कराया गया। मंदिरों में भोग लगाने और पूजन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रही।
हिंदू धर्म में इसका बड़ा महत्व बताया गया है। इस दिन 10 साल से कम उम्र की कन्याओं को देवी का रूप मानकर उनकी पूजा की जाती है। नौ देवियों के प्रतिबिंब के रूप में कन्या पूजन के बाद ही भक्तों के नवरात्र व्रत संपन्न माने जाते हैं।कुछ लोग मां दुर्गा को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए नौ दिन उपवास रखते थे तो कुछ पहले और आखिरी दिन व्रत रखकर मां की उपासना करते रहे कहते हैं कि मां दुर्गा के ये व्रत संपन्न तभी माने जाते हैं जब कन्या पूजन किया जाता है। देवी की तरह इन कन्याओं की पूजा किया गया। इसके बाद महामाई के भक्तों ने श्रद्धा के साथ घरों में कन्या-लांगुराओं का विधि-विधान से पूजन किया। कन्या भोजन ग्रहण कराकर उन्हें दक्षिणा एवं उपहार भेंटकर नौ दिन से चले आ रहे अपने व्रत खोले।
इस शुभ अवसर पर आचार्य नवरतन पाण्डेय मुख्य यजमान सारिका सौंखी लाल पटेल, राजमहल बिर्रा से विजय बहादुर सिंह, रितेश रमण सिंह, चेतन प्रताप सिंह, पीयूष देव सिंह, प्रतीक प्रताप सिंह, सोनू यादव, एकांश पटेल, सुरेंद्र पटेल, शिव पटेल, बजरंग पटेल, सोमेश पटेल, मधुबानिया, मनराखन धीवर, सुदेश, टिंकू केशरवानी, रंजीत, अवि, शुभम, बजरंग, हेमंत, तुषार,केशरवानी, खोरवा पटेल, गोपाल पटेल, संजय पटेल,रोशन सिदार, फिरत पटेल,सूरज धीवर,प्यारे केंवट, ओमप्रकाश धीवर, छंदन धीवर, रीता केशरवानी, कोमिला पटेल, पूजा, रजनी, सुधा, संतोषी धीवर, श्वेता यादव सहित भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
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