शिवपुरी में नवरात्रि के 9 दिनों तक मां दुर्गा की उपासना का क्रम चला जिसमें नवमीं को शहर में स्थापित सभी पांडालों से मां की प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया था। सईसपुरा क्षेत्र में स्थित गणपति मंदिर पर स्थापित मां काली की प्रतिमा का आज शनिवार की शाम दशहरे के दिन विसर्जन जुलूस निकाला गया। जिसमें विशाल जनसमूह उपस्थित रहा। चारों ओर काली-काली जय महाकाली के जयकारे गूंजते रहे। खटीक समाज द्वारा पिछले 8 सालों से मां काली की प्रतिमा को स्थापित किया जाता रहा है। जहां खटीक समाज के लोग 9 दिनों तक मां काली की सेवा पूजा करते हैं और 10वें दिन माता काली का विसर्जन जुलूस निकालते हैं।
हजारों लोग जुलूस में हुए शामिल -
खटीक समाज का मां काली विसर्जन समारोह शनिवार को सईसपुरा के गणपति मंदिर के दुर्गा पांडाल से शुरू हुआ। इस जुलूस में हजारों लोग शामिल हुए, जिसमें भक्त विशालकाय मां की प्रतिमा को कंधों पर रखकर निकले। सईसपुरा से शुरू हुआ जुलूस मीट मार्केट होते हुए कमलागंज आया। इसके बाद माधव चौक चौराहा, पुराना बस स्टेंड होते हुए दो बत्ती चौराहे पहुंचा। जहां गणेश कुंड में मां काली की प्रतिमा को काली काली जय माँ काली के जयकारों के साथ विसर्जित किया गया। गणपति मंदिर पर बीते 8 सालों से नवरात्रि के पर्व पर दुर्गा पांडाल में मां काली की 9 फ़ीट लंबी प्रतिमा को विराजमान किया गया था। 9 दिन तक शक्ति की आराधना की गई।
भागते हुए काली-काली जय मां काली के जयकारे लगाए
शिवपुरी में मां काली की प्रतिमा को खटीक समाज के द्वारा विसर्जन के लिए ले जाया जाता है इस मौके पर डीजे बैंड का उपयोग नहीं किया जाता है बल्कि मौजूद भीड़ में सिर्फ काली काली जय मां काली के गूंज सुनाई देती है। इस जुलूस में मां काली की प्रतिमा को भक्त अपने कंधों पर रख कर भागते हुए ले जाते हैं मां काली के विसर्जन को ले जाते का यह दृश्य बड़ा की रोचक और मनमोहक होता है।
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