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लोक सूचना अधिकारी द्वारा 30 दिवस के अंदर आवेदक को जानकारी नहीं दी तो होगी कार्यवाही।

साढ़े आठ हजार आवेदन पत्रों का किया निराकरण- राज्य सूचना आयुक्त श्री सिंह 
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शिवपुरी | 25-अगस्त-2019  राज्य सूचना आयुक्त श्री राहुल सिंह ने आज शिवपुरी में आयोजित कार्यक्रमों में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि सूचना के अधिकार अधिनियम की मूल भावना शासकीय कार्य में पारदर्शिता रखते हुए  शासकीय सेवक अपनी कार्यों एवं कर्तव्य क्षेत्र में सजग एवं सतर्क होकर कार्य करें और लोग अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो सके। इसी उद्देश्य को लेकर सरकार ने सूचना के अधिकार अधिनियम लागू किया है।
    श्री राहुल सिंह ने राज्य सूचना आयोग की कार्य प्रणाली की जानकारी देते हुए बताया कि सबसे पहले स्वीडन में सूचना का अधिकार अधिनियम लागू किया गया था। भारत में इसे 2005 में लागू किया गया। उन्होंने बताया कि आयोग के पास 2015-16 के लंबित प्रकरण सामने आए है। जिसका मुख्य कारण लोक सूचना अधिकारी द्वारा 30 दिवस के अंदर आवेदक को जानकारी न देना है। उन्होंने बताया कि 15 हजार प्रकरणों में से 3 माह के दौरान साढ़े 8 हजार प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है। सूचना आयुक्त ने बताया कि कई प्रकरणों में निर्धारित समय सीमा के अंदर जानकारी न देने वाले लोक सूचना अधिकारियों पर 25 हजार तक का अर्थदण्ड भी किया गया है। उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा शासकीय सेवकों के वेतन, पेंशन, क्लेम के भुगतान के प्रकरणों के मामले में त्वरित कार्यवाही की गई है। इस दौरान उन्होंने पौधरोपण कार्यक्रमों में भी भाग लिया।

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