जबलपुर. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में सोमवार को भोपाल से भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने चुनाव याचिका पर सुनवाई हुई। भोपाल सांसद ने सोमवार को कोर्ट में अपना जवाब पेश किया। सांसद प्रज्ञा सिंह की ओर से कहा गया कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं। याचिकाकर्ता की ओर से इस पर आपत्ति जाहिर की। इसे रिकॉर्ड पर लेकर जस्टिस विशाल धगट की सिंगल बेंच ने अगली सुनवाई 6 फरवरी नियत की।
यह है मामला
भोपाल निवासी पत्रकार राकेश दीक्षित ने चुनाव याचिका दायर भोपाल लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के निर्वाचन को चुनौती दी। आरोप लगाया गया कि साध्वी ने चुनाव प्रचार के दौरान बार-बार यह बयान दिया कि कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह ने भगवा आतंकवाद कहकर हिन्दू धर्म को बदनाम करने की कोशिश की। चुनाव के दौरान भाजपा प्रत्याशी ने धार्मिक भावनाएं भड़काने वाले बयान दिए। भाजपा प्रत्याशी ने कहा कि उसे बाबरी मस्जिद तोडऩे पर गर्व है, वह खुद मस्जिद को तोडऩे के लिए गई थी। भड़काऊ बयानबाजी के चलते लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग ने भी साध्वी पर 72 घंटे का प्रतिबंध लगाया था।
भोपाल निवासी पत्रकार राकेश दीक्षित ने चुनाव याचिका दायर भोपाल लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के निर्वाचन को चुनौती दी। आरोप लगाया गया कि साध्वी ने चुनाव प्रचार के दौरान बार-बार यह बयान दिया कि कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह ने भगवा आतंकवाद कहकर हिन्दू धर्म को बदनाम करने की कोशिश की। चुनाव के दौरान भाजपा प्रत्याशी ने धार्मिक भावनाएं भड़काने वाले बयान दिए। भाजपा प्रत्याशी ने कहा कि उसे बाबरी मस्जिद तोडऩे पर गर्व है, वह खुद मस्जिद को तोडऩे के लिए गई थी। भड़काऊ बयानबाजी के चलते लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग ने भी साध्वी पर 72 घंटे का प्रतिबंध लगाया था।
धार्मिक भावनाएं भड़काना भ्रष्ट आचरण
आरोपों के समर्थन में साध्वी के बयानों के सीडी संलग्न की गई। अधिवक्ता अरविंद श्रीवास्तव, राजेन्द्र गुप्ता, दिनेश उपाध्याय, शफीक गौहर ने तर्क दिया कि चुनाव के दौरान धार्मिक भावनाएं भड़काना जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123 (ए) (बी) के तहत भ्रष्ट आचरण की श्रेणी में आता है। प्रज्ञा सिंह की ओर से आपत्ति जताई गई कि उक्त बयानों की रिकार्डिंग किसने की यह स्पष्ट नहीं किया गया। यू-टयूब पर इन्हें अपलोड करने वाले का प्रमाणपत्र भी नहीं पेश किया गया। यह साक्ष्य अधिनियम की धारा 65 ए के तहत ग्रहणीय नहीं है। 13 दिसंबर 2019 को यह आपत्ति कोर्ट ने नकार दी थी। इसके बाद सोमवार को साध्वी प्रज्ञा सिंह की ओर से याचिका का जवाब पेश किया गया।
आरोपों के समर्थन में साध्वी के बयानों के सीडी संलग्न की गई। अधिवक्ता अरविंद श्रीवास्तव, राजेन्द्र गुप्ता, दिनेश उपाध्याय, शफीक गौहर ने तर्क दिया कि चुनाव के दौरान धार्मिक भावनाएं भड़काना जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123 (ए) (बी) के तहत भ्रष्ट आचरण की श्रेणी में आता है। प्रज्ञा सिंह की ओर से आपत्ति जताई गई कि उक्त बयानों की रिकार्डिंग किसने की यह स्पष्ट नहीं किया गया। यू-टयूब पर इन्हें अपलोड करने वाले का प्रमाणपत्र भी नहीं पेश किया गया। यह साक्ष्य अधिनियम की धारा 65 ए के तहत ग्रहणीय नहीं है। 13 दिसंबर 2019 को यह आपत्ति कोर्ट ने नकार दी थी। इसके बाद सोमवार को साध्वी प्रज्ञा सिंह की ओर से याचिका का जवाब पेश किया गया।
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