श्योपुर जिले में व्याप्त कुपोषण से जंग लडऩे के लिए जिला प्रशासन ने एक बार फिर कमर कसी है। यही वजह है कि आंगनबाड़ी केंद्रों की मॉनिटरिंग के लिए 135 अफसरों की तैनाती के बाद अब परवरिश नाम से 60 दिन का विशेष अभियान शुरू किया है। जिसमें कम वजन के बच्चों को सामान्य श्रेणी में लाने का बीड़ा उठाया गया है।
इसके लिए कलेक्टर प्रतिभा पाल ने सोमवार को श्योपुर विकासखंड की तीनों परियोजनाओं की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और आशा कार्यकर्ताओं की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने कहा कि कुपोषण को हमें जिले से मिटाना है और ये मुश्किल नहीं है। आप आज से 60 दिन के लिए संकल्प लें कि हमें कम वजन के बच्चों सामान्य श्रेणी में लाना है। इसके लिए न केवल नियमित आंगनबाड़ी खोलें, बल्कि अति कम वजन और कम वजन के बच्चों को नियमित रूप से आंगनबाड़ी पर लाएं, साथ ही उन्हें निर्धारित नाश्ता, खाना और थर्ड व फोर्थ मील दें। इसके साथ ही बच्चों को लाकर ऐसे ही न बैठाएं बल्कि उन्हें खेलकूद, शिक्षा जैसी एक्टिविटी भी कराएं, ताकि बच्चों का केंद्र पर मन लगे। कलेक्टर ने आशा कार्यकर्ताओं से कहा कि आप लोग नियमित रूप से आंगनबाड़ी पर आरोग्य केंद्र खोलें, ताकि लोगों और बच्चों को स्वास्थ्य लाभ मिले। उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं से कहा कि गर्भवती महिलाओं को पंजीयन समय पर करें। उन्होंने कहा कि सुरपवाइजर और अन्य विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि फील्ड में भ्रमण कर नियमित बैठक लें। बैठक मेंं जिपं सीइओ हर्ष सिंह, सीएमएचओ डॉ.एआर करोरिया, जिला महिला बाल विकास अधिकारी ओपी पांडेय सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
अधिकारी कराएंगे केंद्रों की पुताई, बच्चों को देंगे कुर्सियां
आंगनबाड़ी केंद्रों की मॉनिटरिंग के लिए गोद दी पंचायतों में तैनात अधिकारी संबंधित केंद्रों की रंगाई-पुताई भी कराएंगे। इसके लिए कलेक्टर ने निर्देश जारी किए हैं। साथ ही छोटे बच्चों को बैठने के लिए ये अधिकारी कुर्सियां भी देंगे। बताया गयाह ै कि अधिकारियों की ड्यूटी लगाने के बाद इस कार्यक्रम का नाम आंगन रखा गया है, जिसके बाद अधिकारियों ने 203 केंद्रों का निरीक्षण भी कर लिया है।
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