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दस रुपए का प्लेटफार्म टिकट अब 50 रुपए में


दतिया. कोरोना को लेकर प्रशासन ने सभी से सतर्क रहने को कहा है। बतौर सतर्कता इंतजाम प्रशासन ने अगला कदम उठाते हुए स्कूलों में अवकाश के बाद कोचिंगों को बंद करने के भी आदेश दे दिए हैं। वहीं रेलवे ने 15 अप्रेल तक प्लेटफॉर्म टिकट का दाम दस रुपए से बढ़ाकर 50 रुपए तक कर दिए हैं ताकि स्टेशनों पर भीड़ से निजात मिल सके। इतना ही नहीं स्टेशनों पर लगातार चेकिंग भी होगी। वहीं प्रदेश शासन ने वीडियो कांफं्रेसिंग के माध्यम से प्रदेश के मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे कोरोना से निपटने के लिए बेहतर इंतजाम करें।
कोरोना का डर इन दिनों हर आम व खास के बीच जोर दे रहा है। प्रदेश में हालांकि एक भी मरीज नहीं मिला है फिर भी शासन इस ओर सावधानी से कदम बढ़ा रही है । बुधवार की शाम प्रदेश के मुख्य सचिव ने जिलाधीश रोहित सिंह,एसपी अमन सिंह व जिला पंचायत के एसीईओ धनंजय मिश्रा को वीसी के माध्यम से निर्देशि किया कि हालात पर बारीकी से नजर रखें। कलेक्टर के निर्देश पर जिला पंचायत के सीईओ भगवान सिंह जाटव ने आदेश जारी कर दिया है। कोचिंग संचालकों से कहा गया है कि वे आगामी आदेश तक सभी तरह के कोचिंग संस्थानों में अवकाश रखने को कहा गया है ताकि बच्चे क स्थान पर इकट्ठा न हो सकें। और कोरोना के संक्रमण से बचा जा सके।
स्टेशन परिसर में जाने पर होंगे 50 रुपए
कोरोना के कहर से बचने के लिए रेलवे ने भी तैयारी कर ली है। एनसीआर ने सभी स्टेशनों पर जारी आदेश में कहा गया है कि वे प्लेटफॉर्म टिकट दस रुपए के बजाय 50 रुपए में बेचें ताकि बिना जरूरत के लोग प्लेटफॉर्म पर न पहुंचें और गाड़ी के आने व जाने पर अनावश्यक भीड़ न हो । रेलवे के झांसी मंडल के पीआरओ मनोज कुमार सिंह ने बताया कि रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्मों पर यात्रियों के परिजनों की भीड़ ज्यादा न बढ़े इसके लिए रेलवे ने प्लेटफॉर्म टिकट की कीमत दस के बजाए 50 रुपए कर दी है।
मास्क व सेनेटाइजर की कालाबाजारी पर कार्रवाई
सीएमएचओ डॉ. एसएन उदयपुरिया व एपिडिमियो लॉजिस्ट मनोज गुुप्ता ने जिले के सभी केमिस्टों की बैठक ली। केमिस्टों को निर्देशित किया कि अगर किसी भी मेडिकल स्टोर पर मॉस्क व सेनेटाइजर को अंकित मूल्य से ज्यादा पर बिक्री की तो संबंधित पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पीतांबरा पीठ पर बाहर से ली आरती
कोरोना वायरस से सावधानी के क्रम में बुधवार से बंद हुए पीतांबरा पीठ के मुख्य गेट के चलते दर्शनार्थियों ने बाहर से ही मां की आरती ली और मत्था टेककर चले गए। वहीं महिलाओं ने मां के मंदिर पर जाकर दीपक जलाए और महिलाएं दहलीज पूज कर वापस घर लौट गईं। कोई भी भक्त मंदिर में प्रवेश न कर सके । इसके पुख्ता इंतजाम किए गए थे।

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