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दवा के पैकेट में 2 टेबलेट के बीच ज्यादा गैप क्यों होता है, सिर्फ 1 टैबलेट के लिए 10 टेबलेट जितना बड़ा पैकेट क्यों देते हैं

कोरोना वायरसः ...

मेडिसिन का पैकेट यानी दवाई का पत्ता तो हम सब ने देखा ही होगा। हमने यह भी देखा है कि पैकेट में दो टेबलेट के बीच की दूरी सामान्य से कुछ ज्यादा होती है। यदि पैकेट में टेबलेट की संख्या कम भी हो तब भी पैकेट का साइज छोटा नहीं होता। आखिर क्या कारण है कि दवाई का पत्ता सामान्य से ज्यादा बड़ा होता है और ऐसी क्या बात है कि दो टेबलेट के बीच का गैप ज्यादा रखा जाता है। आइए समझने की कोशिश करते हैं: 

दवाई के पैकेट का साइज बड़ा क्यों होता है

जय काले जो एक दवा कंपनी में सीनियर एग्जीक्यूटिव के पद पर काम करते हैं, बताते हैं कि भारत सरकार की गाइड लाइन के अनुसार दवाई के हर पैकेट पर कुछ जानकारियों का प्रकाशित किया जाना अनिवार्य होता है। इसमें दवा के अंदर मौजूद रसायन से लेकर दवा बनाने वाली कंपनी की पूरी जानकारी होती है। स्वाभाविक है यह सारी जानकारी छोटे-छोटे अक्षरों में छापने पर भी काफी जगह घेर लेती है। इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि पैकेट के अंदर एक टेबलेट है या 10, जानकारी पूरी छापने पड़ती है। इसलिए दवाई के पत्ते का साइज बड़ा होता है।

दो टेबलेट के बीच में गैप क्यों होता है


दूसरी बात यह है कि दवाइयों का पत्ता असल मे दो हिस्सों के बना होता है, आगे आमतौर पर PVC प्लास्टिक होता है जिस पर उभार बनता है और पीछे अलुमिनियम फॉयल का बना पृष्ठ भाग होता है, जिस पर दवाई से संबंधित सूचना लिखी होती है। ये उभार एक गोल सिलिंडर पर चिपका कर बनाये जाए हैं। क्योंकि ये गोल लिपटकर ही बन पाता है, इसलिए स्वाभाविक है कि दो उभारों के मध्य गैप आ जाता है। यानी ये ब्लिस्टर या पत्ता बनाने की तकनीक की वजह से होता है। 

सरल शब्दों में समझिए 

दो टेबलेट को पास पास रखने से उनके बीच कोई रासायनिक क्रिया नहीं होती क्योंकि दवा कंपनियां हर टेबलेट के ऊपर एक खास किस्म की कोटिंग करती हैं। टेबलेट की कोटिंग उसके अंदर मौजूद रसायन को सुरक्षित करती है। कई बार या कोटिंग अंदर मौजूद दवाई को तापमान और प्रदूषण से भी बचाती है। दवाओं को पैकेट में और निर्धारित गाइडलाइन का पालन करते हुए सुरक्षित रखना अनिवार्य है परंतु दो दवाओं के बीच की दूरी कितनी होनी चाहिए और यह दूरी दवा के प्रभाव को कम या ज्यादा तो नहीं कर दी थी, इस तरह के प्रश्नों से डरने की जरूरत नहीं है

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