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प्रदेश में संचालित अनुज्ञप्त मदिरा दुकानों के संचालन की नई व्यवस्था

वाणिज्यिक कर विभाग ने जारी किए दिशा-निर्देश

 

 
राज्य शासन के वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा प्रदेश में अपरिहार्य परिस्थितियों में विभागीय अनुज्ञप्त देशी/विदेशी मदिरा दुकानों के वैकल्पिक संचालन के लिए नई व्यवस्था लागू की है। आबकारी राजस्व सुरक्षित रखने के लिए मदिरा दुकानों का संचालन तात्कालिक विकल्प के रूप में आंशिक अवधि के लिए यह व्यवस्था प्रभावशील होगी।
मदिरा दुकानों की अनुज्ञप्तियों के निरस्त होने तथा उनकी वर्ष 2020-21 की शेष अवधि के लिए पुनर्निष्पादन के बीच लगने वाली समयावधि में राजस्व हित में इस व्यवस्था द्वारा मदिरा दुकानों का संचालन किया जा सकेगा। आबकारी आयुक्त ने वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी जिला कलेक्ट्रर्स को आवश्यक कार्यवाही करने के लिये परिपत्र भेजा है।
जिला समिति द्वारा मदिरा दुकान संचालन के लिए समूहों का निर्धारण किया जायेगा। इसके लिए वर्ष 2019-20 में निर्धारित एकल समूहों को यथासंभव उसी स्वरूप में रखा जाएगा। इसके पूर्व की अवधि में अथवा 2020-21 में जिस स्थान पर मदिरा दुकान संचालित थी, यथासंभव वहीं संचालित होंगी। इसके लिए संबंधित कलेक्टर द्वारा उन दुकानों का आवश्यकतानुसार अधिग्रहण किया जा सकेगा। आंशिक अवधि के लिए मदिरा दुकानों के संचालन के लिए जारी अनुज्ञप्ति कभी भी निरस्त करने के आदेश देने के लिए कलेक्टर को अधिकृत किया गया है।
सफल आवेदक को अनुज्ञप्ति जारी होने के पहले सुरक्षा निधि में आरक्षित मूल्य के दो गुना राशि ऑनलाइन (चालन/ बैंक गारंटी के रूप में) जमा करना होगा। इस तरह सुरक्षा निधि आरक्षित मूल्य के तीन गुना के बराबर होगी। ठेका अवधि के अंत में सुरक्षा राशि समायोजन अथवा वापसी योग्य होगी। इन शर्तों का उल्लंघन करने पर सुरक्षा निधि राजसात होगी।


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