कहानियों में, इतिहास की किताबों में और यहां तक की फिल्मों में हमने देखा है कि कबूतर को संदेशवाहक के रूप में उपयोग किया जाता था। कबूतर किसी संदेश या संकेत को बड़ी ही आसानी से एक जगह से दूसरी जगह ले जाते थे। कहते हैं कि जब तक डाक विभाग स्थापित नहीं हुआ तब तक राजा-महाराजा यहां तक कि अंग्रेज अधिकारी भी कबूतर का उपयोग चिट्ठी पहुंचाने के लिए करते थे। सवाल यह है कि एक कबूतर चिट्ठी के प्राप्तकर्ता का पता कैसे खोज लेता था। क्या वह किसी दूसरे कबूतर से पूछकर कंफर्म करता था या फिर उसे भेजने वाला उसके कान में कोई विशेष किस्म का मंत्र फूंक देता था। आइए जानते हैं एक मजेदार रहस्य की बात:-
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