आज जो कुछ भी हूं मेरे गुरुदेवों की कृपा से-जितेन्द्र तिवारी
(शिक्षक दिवस पर विशेष लेख)
*✍🏻बिर्रा-हर वर्ष 5 सितंबर को पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली डॉ राधाकृष्णन जी के जन्मदिवस को "शिक्षक दिवस" के रूप में मनाया जाता है।इस वर्ष शिक्षक दिवस पर मैं अपने माता-पिता को अपना गुरु मानते हुए शिक्षा के क्षेत्र में मुझे जो ज्ञान पहली कक्षा से बारहवीं कक्षा तक जिन्होंने मुझे पेंसिल से लिखना सीखाया, अक्षरों को पहचानना सीखाया और ज्ञान की जो बातें बताई जिस वजह से आज मैं इस मुकाम तक पहुंचने में योग्य हो पाया।ऐसे मेरे समस्त गुरूजनों को नमन् करते हुए आज शिक्षक दिवस के अवसर पर वे जहां भी हो उनकी दीर्घायु जीवन व मंगलमय जीवन की कामना करता हूं।मुझे इस बार कुछ अलग करने की इच्छा हुई और संयोग से मुझे उन गुरूजनों से मुलाकात करने का अवसर भी मिला।उनसे आग्रह किया कि मैं उनके साथ एक सामूहिक फोटो लूं।वे सहर्ष स्वीकार कर मेरे साथ फोटो लिए।आज शिक्षक दिवस पर मैं उन्हें इस लेख से याद करते हुए समस्त गुरूजनों का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहूंगा वे जहां भी हो अपना आशीर्वाद मुझ पर सदा बनाएं रखें। इस फोटो में इस सुअवसर पर मेरे को हिंदी का ज्ञान देने वाले मेरे प्रथम कक्षा के गुरू हेतराम साहू जी, परम् सम्माननीय सेवानिवृत्त बीईओ आदरणीय एम आर कुम्भकार सर (सिलादेही),गणित में कमजोर बचपन से था पर जिन्दगी के गणित में ज्ञान देने वाले परम स्नेही सेवानिवृत गणित शिक्षक आदरणीय एम एल साहू (सिलादेही),ज्ञान की शिक्षा देने वाले मेरे शुभचिंतक सेवानिवृत्त आदरणीय स्व. रतिराम पटेल (सिलादेही),कक्षा पांचवीं में ज्ञान की शिक्षा देने वाले पीआर कश्यप (मल्दा) (वर्तमान में शिक्षक-डोमाडीह) सहित मेरे सभी मार्गदर्शन प्रदान करने वाले मेरे गुरूजनो को आज शिक्षक दिवस की बहुत बहुत बधाई व शुभकामनाएं।क्योंकि गुरू और भगवान में कोई अंतर नहीं है बल्कि मैं तो कहना चाहूंगा कि गुरु भगवान से भी बढ़कर हैं।आज मेरी पत्रकारिता गुरू पं.टीके दुबे,मंच संचालक गुरू आदरणीय मनोज कुमार तिवारी, राजनैतिक गुरू श्रीमती चित्रा सिंह, पुरोहित गुरू मेरे पिताजी स्व.पं.कृष्णकुमार तिवारी।*
*अंत में यहीं कहना चाहूंगा-*
*संघर्ष में आदमी अकेला होता है, सफलता में दुनियां उसके साथ होती है!*
*जीवन जितना सजता है माता-पिता के प्यार से,*
*उतना ही महकता है गुरु के आशीर्वाद से,*
*समाज कल्याण में जितने माता-पिता होते हैं खास,*
*उतने ही गुरु के कारण देश की होती है साख*
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