शिवपुरी में जनमन आवास योजना के तहत देश का पहला दूसरा और तीसरा आवास बना और अब देश की पहली, दूसरी और तीसरी जनमन कालोनी भी शिवपुरी बन चुकी हैं। लेकिन वेस्ट परफॉर्मेंस के चलते चूक भी हो रही हैं। यहां जल्दबाजी के फेर में दो आदिवासियों के जनमन आवास पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। बता दें कि यहां जनमन आवास के तहत बनाई जाने बाली कालोनी का जल्दबाजी में सर्वे किया गया। इस सर्वे लापरवाही करते हुए अधिकारीयों ने दो हितग्राहियों को 33 केवीए बिजली लाइन के नीचे आवास स्वीकृत कर दिए गए। इस लापरवाही के चलते बिजली विभाग ने शिवपुरी जनपद सीईओ गिर्राज शर्मा सहित सरपंच को नोटिस थमा कर अधूरे बने जनमन आवासों को हटाने की बात कहीं। ऐसा न करने पर बैधानिक कार्यवाही करते हुए मामला दर्ज कराने की बात नोटिस में लिखी हैं। इसमें सीईओ सहित सरपंच को तीन माह की सजा और एक लाख का अर्थदंड भी झेलना पड़ सकता हैं।
दो हितग्राहियों का आवास का सपना रह सकता था अधूरा
जानकारी के मुताबिक़ कई माह पहले शिवपुरी जनपद की चन्दनपुरा पंचायत में जनमन आवास योजना के तहत जनमन कालोनी बनाने के लिए सर्वे हुआ था। इस सर्वे के बाद इस जनमन कालोनी के 40 से भी ज्यादा मकानों को हितग्राहियों द्वारा बनाना शुरू किया गया। अधिकतर हितग्राहियों के खाते में आवास की तीसरी किस्त भी आ चुकी है। अधिकतर आवास बन भी चुके हैं। लेकिन इस कालोनी में अधिकारियों के गलत सर्वे के चलते दाताराम आदिवासी पुत्र बबलू आदिवासी और अतर सिंह आदिवासी को आवास बनाने की स्वीकृति दे दी गई। दोनों के खाते में दो-दो क़िस्त भी आ चुकी हैं। दोनों ने आवास की दीवारों का निर्माण कर कमरे भी बना लिए हैं। लेकिन छत के ऊपर गुजरी बिजली की 33 केवीए लाइन के चलते दोनों के आवास का निर्माण कार्य रुक गया गया। पिछले दो माह से उनके आवास अधूरे पड़े हुए हैं। दोनों आवासों का तय निर्माण न होने के चलते तीसरी किस्त भी रोक दी गई हैं। जिससे दाताराम आदिवासी और अतर सिंह आदिवासी के आवास का सपना अधर में लटका हुआ हैं।
शिवपुरी जनपद जो थमाया सीईओ, आवास हटाने को कहा -
बिजली विभाग ने चन्दनपुरा पंचायत में 33 केवीए बिजली के लाइन ने नीचे बनाये गए अधूरे आवास को हटाने के लिए नोटिस जारी किया है। इस मामले में जिला पंचायत सीईओ हिमांशु जैन का कहना हैं कि मामला उनकी जानकारी में हैं। बिजली लाइन को आवासों के ऊपर से हटाने को लेकर बिजली विभाग से बात चल रही हैं।
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