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Shivpuri News : राशन वितरण में हेराफेरी : माह की आखरी तारीख को पहुंचा दुकान पर राशन, नियमबिरुद्ध सितम्बर के राशन को अक्टूबर में बटवाने की बोले जिम्मेदार

शिवपुरी में गरीबों को उनके हक़ का राशन मिल सके इसके लिए बड़े बड़े दावे सरकार-प्रशासन करता हैं। प्रशासन के दावों को खोखला सावित करने का मामला बम्हारी से सामने आया हैं। यहां सितंबर माह में बटने वाला राशन सितंबर माह की आखरी तारीख 30 सितंबर की शाम अन्नदूत वाहन में भरकर राशन की दुकान पर पहुंचाया गया। जबकि यह राशन कई दिनों पहले ही गरीबों के घर में पहुंच जाना चाहिए था। 

अक्टूबर में नहीं मिलेगा सितम्बर माह का राशन - प्रशासन का आदेश -

खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग भोपाल  ने एक आम सूचना जारी कर अपील की गई थी। कि जिले के सभी उपभोक्ता 30 सितम्बर तक शासकीय उचित मूल्य की दुकानों से माह सितम्बर का राशन प्राप्त कर लें। सभी उचित मूल्य दुकानों पर आबंटन के अनुसार खाद्यान्न पहुंचा दिया गया हैं। सितम्बर का राशन वितरण प्राप्त करने वाले जिले के सभी उपभोक्ताओं से अपील की गई थी कि माह सितम्बर का राशन 30 सितम्बर तक प्राप्त करें। शासन निर्देशानुसार अक्टूबर में सितम्बर का वितरण नहीं किया जा सकेगा।

माह की आखरी तारीख को रात तक भरा गया दुकान में राशन 

प्रशासन के जारी निर्देशों के मुताबिक़ सितम्बर माह का राशन अक्टूबर में नहीं दिया जाएगा। जबकि बम्हारी गांव में 30 सितम्बर की शाम मेघदूत वाहन में भरकर सितम्बर का राशन पहुंचाया गया। जो राशन देर तक खाली कर राशन की दुकान में भरा गया। जो अब तक बट चूकना था। लेकिन नियमबिरुद्ध योजना बनाकर सितम्बर का राशन माह की आखरी तारीख की रात पहुंचाया गया और अब जिम्मेदार सितम्बर माह के राशन को अक्टूबर माह में नियमबिरुद्ध बांटने की बात कर रहे हैं। जबकि प्रशासन के निर्देशानुसार सितम्बर माह का राशन अक्टूबर माह में नहीं बांटा जाएगा। ऐसे में अब सितम्बर माह के राशन को अक्टूबर माह बांटेने की बात की जा रही है। ऐसे में अक्टूबर माह का राशन कब आएगा, क्या एक माह में दो बार राशन बांटा जाएगा। यह जिम्मेदारों को पता होगा। 

राशन पहुंचने से पहले ऑफलाइन निकाल की गई राशन की पर्ची -

जिले में कुछ राशन की दुकानें ऐसी भी हैं जिन्हें नेटवर्क की समस्या के चलते ऑफलाइन रखा गया हैं यानी ऑफलाइन राशन की दुकानों पर हितग्राहियों के अंगूठे नहीं लगवाए जाते हैं। ऐसे में राशन की दुकान का विक्रेता अपने मनमुताबिक़ राशन की पर्ची ऑफलाइन कहीं भी निकाल लेता हैं। ऐसा ही बम्हारी की राशन की दुकान के साथ हुआ। बता दें कि दोपहर दो बजे के लगभग मेघदूत वाहन राशन भरकर गोदाम से रवाना हुआ। इधर एक घंटे बाद दुकान के विक्रेता के द्वारा मशीन से राशन की पर्ची ऑफलाइन निकालकर रिकॉर्ड में राशन बांटा गया बता दिया गया। जबकि राशन से भरा मेघदूत वाहन बाद में पहुंचा। इससे पहले ही राशन बटना बता दिया गया।

हक़ के राशन को मोहताज ग्रामीण -

बम्हारी गांव के रहने वाले विनोद ने बताया कि गांव में दो माह में राशन बांटा जाता हैं और एक माह का राशन दिया जाता हैं। रामकली आदिवासी ने बताया कि दो माह गुजर गए लेकिन उन्हें भी राशन नहीं मिला हैं। अन्य ग्रामीण का कहना था कि उन्हें राशन नहीं मिल रहा हैं ऐसे में उन्हें मजदूरी के पैसे से राशन खरीदकर खाना पढ़ रहा हैं। लाखन सिंह का कहना हैं कि दो माह की कहकर एक माह का राशन ग्रामीणों को बांटा जाता हैं। लगभग सभी ग्रामीणों का यही कहना था पिछले कई सालों से यहां दो माह में एक बार राशन बांटा जाता हैं और एक माह का राशन दिया जाता हैं। 

जिम्मेदारों का हैं कहना -

बम्हारी गांव की राशन के दुकान के विक्रेता सोमदेव धाकड़ का कहना हैं उन्होंने अगस्त में से यहां राशन बांटना शुरू किया हैं। बिल देरी से लगने के चलते राशन देरी से मिला हैं। इस लिए सितम्बर माह का राशन अक्टूबर में बांटा जाएगा। दुकान खाली होने के बाद अक्टूबर माह का राशन मंगाया जाएगा। इस मामले में फूड इस्पेक्टर गौरव कदम का कहना हैं कि सितम्बर माह में गड़बड़ी को लेकर बम्हारी दुकान के संचालक पर एफआईआर दर्ज कराई थी। इसके बाद दूसरे का संचालक को राशन बितरण का जिम्मा सौंपा गया हैं। यही बजह रही कि बिल समय पर नहीं बन पाया। इसके चलते 30 सितम्बर को वाहन में भरकर राशन को भेजा गया हैं। जिसके वितरण को देखने के लिए वह खुद मोके पर पहुंचेंगे।

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