शिवपुरी शहर के बहुचर्चित दैहिक शोषण मामले में नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा के पुत्र रजत शर्मा को अदालत से बड़ा झटका लगा है। मंगलवार को जिला एवं सत्र न्यायालय ने उसकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया। आरोपित रजत शर्मा पर एक युवती ने शादी का झांसा देकर कई वर्षों तक दैहिक शोषण करने का आरोप लगाया है। पीड़िता की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने 30 अप्रैल को एफआईआर दर्ज की थी, जिसके बाद से ही आरोपित फरार है।
रजत शर्मा ने अपने अधिवक्ता विजय तिवारी के माध्यम से 7 मई को अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, जिस पर 9 मई को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान पीड़िता स्वयं न्यायालय में उपस्थित हुई और आरोपित एवं उसके परिवार से अपनी जान को खतरा बताते हुए एक आवेदन भी प्रस्तुत किया।
प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी कर रहे विशेष अधिवक्ता धीरज जामदार ने अदालत को बताया कि मामले की जांच अभी पूरी नहीं हुई है और आरोपित का मेडिकल परीक्षण भी बाकी है। ऐसे में उसे जमानत दिया जाना जांच को प्रभावित कर सकता है। पीड़िता की ओर से अधिवक्ता स्वरूप नारायण भान ने भी विरोध जताते हुए कहा कि यह गंभीर अपराध है जिसमें 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। पीड़िता को धमकाने की बात भी अदालत में रखी गई।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया।
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