करैरा एसडीएम अजय शर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार की गंभीर शिकायतों का मुद्दा विधायक खटीक ने विधानसभा में उठाया
एसडीएम अजय शर्मा अजय शर्मा को हटाने की रखी गई मांग
29 जुलाई को होगा जवाब विधानसभा में जबाब प्रस्तुत
:करैरा विधानसभा के विधायक रमेश प्रसाद खटीक ने विधानसभा में करैरा अनुविभाग के एसडीएम अजय शर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार की गंभीर शिकायतों का मुद्दा उठाया है। उन्होंने सामान्य प्रशासन विभाग, जिसे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव स्वयं देखते हैं, से जवाब मांगा है कि एसडीएम के खिलाफ उनके द्वारा किए गए पत्राचार पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई। विधायक ने पूछा कि क्या उनके द्वारा स्थानीय लोगों की शिकायतों के आधार पर मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र—पत्र क्रमांक 278 दिनांक 17/07/2024, पत्र क्रमांक 428, पत्र क्रमांक 449 दिनांक 18/12/2024, और पत्र क्रमांक 732 दिनांक 15/05/2025—के माध्यम से भ्रष्टाचार की शिकायतें दर्ज की गई हैं? इसके अलावा, उन्होंने सवाल किया कि मुख्यमंत्री द्वारा 23/08/2024 को सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव (कार्मिक) को A+ श्रेणी के तहत लिखे गए पत्र के बावजूद, एसडीएम अजय शर्मा का स्थानांतरण आदेश अब तक क्यों जारी नहीं हुआ। साथ ही, उन्होंने पूछा कि यह स्थानांतरण कब तक होगा। इस मुद्दे ने करैरा क्षेत्र में असंतोष को जन्म दिया है, क्योंकि स्थानीय लोग लंबे समय से एसडीएम की कार्यशैली से परेशान हैं। यह मामला 29 जुलाई को विधानसभा में चर्चा के लिए प्रस्तुत होगा, जिससे प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है।
एसडीएम अजय शर्मा के खिलाफ पूर्व के विवाद और जनता का असंतोष
एसडीएम अजय शर्मा का नाम करैरा में पहले भी कई विवादों से जुड़ा रहा है, जिसके चलते उनके खिलाफ सैकड़ों आरोप-प्रत्यारोप लग चुके हैं। स्थानीय लोगों ने उन पर भ्रष्टाचार, पक्षपात, और प्रशासनिक लापरवाही जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। करैरा बार एसोसिएशन ने भी कलेक्टर शिवपुरी, रविंद्र चौधरी, को ज्ञापन सौंपकर एसडीएम की कार्यशैली की शिकायत की थी। इसके अतिरिक्त, जनता ने उनके खिलाफ धरने और प्रदर्शन किए, जिसमें भूमि विवादों में पक्षपात, अवैध वसूली, और जनता की समस्याओं के प्रति उदासीनता जैसे मुद्दे उठाए गए। इन शिकायतों के बावजूद, प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई न होने से स्थानीय लोगों में असंतोष बढ़ रहा है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि एसडीएम की कार्यशैली के कारण क्षेत्र में विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं, और उनकी समस्याएं अनसुलझी रह रही हैं। यह स्थिति जिला प्रशासन और सामान्य प्रशासन विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठा रही है। करैरा की जनता का मानना है कि प्रशासन की निष्क्रियता के कारण उनकी शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा, जिससे क्षेत्र में असंतोष और आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
प्रशासनिक निष्क्रियता और विधानसभा में जवाब का इंतजार
एसडीएम अजय शर्मा के खिलाफ शिकायतों पर कार्रवाई में देरी ने प्रशासनिक व्यवस्था की कार्यक्षमता पर सवाल खड़े किए हैं। 29 जुलाई को विधानसभा में इस मामले पर सामान्य प्रशासन विभाग से जवाब की उम्मीद है, और सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या सरकार और प्रशासन कोई ठोस कदम उठाएंगे। शिवपुरी के कलेक्टर रविंद्र चौधरी पर भी दबाव है कि वे इस मामले में त्वरित कार्रवाई करें। यह मामला न केवल करैरा की जनता की समस्याओं को उजागर करता है, बल्कि प्रशासनिक जवाबदेही की कमी को भी सामने लाता है। यदि इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं हुई, तो जनता के बीच असंतोष और बढ़ सकता है। यह स्थिति न केवल जिला प्रशासन के लिए, बल्कि सामान्य प्रशासन विभाग और मुख्यमंत्री कार्यालय के लिए भी एक बड़ी चुनौती है। अब यह देखना बाकी है कि क्या प्रशासन समयबद्ध रूप से कार्रवाई करेगा, या यह मुद्दा केवल कागजी कार्रवाई तक सीमित रह जाएगा। यह मामला प्रशासनिक व्यवस्था की पारदर्शिता और जनता के प्रति जवाबदेही की परीक्षा है।
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