खरीफ सीजन के दौरान कृषकों को खाद की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु जिला प्रशासन द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। जिले में वर्तमान में 27795 मै. टन खाद उपलब्ध है। जिसमें 5659 मै.टन यूरिया, 924 मै.टन डीएपी, 4264 मै.टन एनपीके, 16430 मै.टन एसएसपी, 448 मै. टन एमओपी उपलब्ध है।
आज शनिवार को आई.पी.एल कंपनी का डीएपी की रैक शिवपुरी रैक पॉइंट पर लगने वाली है जिससे जिले को 725 मै. टन डीएपी प्राप्त होगा। जिससे सहकारी समितियों को 525 मै.टन, डीएपी एवं निजी उर्वरक विक्रेताओं को 200 मै. टन डीएपी प्राप्त होगा। जिसका वितरण सहकारी समितियों एवं निजी उर्वरक विक्रय केन्द्रों के माध्यम से कलेक्टर द्वारा आदेशित अधिकारी एवं कर्मचारियों की डयूटी लगाकर किया जाएगा।
जिले में खरीफ सीजन 1 अप्रैल 2025 से आज दिनांक तक 40533 मै. टन खाद वितरण हो चुका है। जिसमें 14036 मै. टन यूरिया, 9956 मै टन डीएपी, 6025 में टन एनपीके, 10220 मै. टन एसएसपी, एवं 296 मै. टन एमओपी है।
जिन वितरण सहकारी समितियों में डीएपी प्राप्त होगा उनमें प्राथमिक कृषि साख सह समिति बैराड, बूढदा, ऐंचवाडा, ककरौआ, गढीबरौद, धौलागढ़, विलोकलां, सतनवाडा, कोलारस, लुकवासा, बेहटा, भडौता, कुंवरपुर, मुडेरी, लालगढ, सिंहनिवास, सीहोर, प्राथमिक कृषि साख सह समिति नरवर, वहगंवा, नरौआ एवं प्राथमिक कृषि साख सह समिति खुदावली शामिल है। इसी प्रकार जिन वितरण निजी उर्वरक विक्रय केन्द्रों में डीएपी प्राप्त होगा उनमें जनता एग्रो एजेंसी शिवपुरी, अल्का एजेंसी बामौरकला खनियाधाना, अग्रवाल इंटरप्राईजेज करैरा, राजेंद्र ब्रदर्श शिवपुरी, बालाजी ट्रेडिंग बैराढ, राधिका ट्रेडर्स शिवपुरी, जगन्नाथ मदनलाल नरवर, छाजेढ बंधु शिवपुरी शामिल है।
किसान भाईयों को सलाह दी जाती है कि किसान भाई खरीफ की बोनी हेतु डीएपी उर्वरक उपलब्ध न होने की दशा में तत्वों की पूर्ती हेतु विकल्प के तौर पर अन्य उर्वरक जैसे एनपीके 12:32:16, 16:16:16, 20:20:0:13 एवं सिंगल सुपर फास्फेट और यूरिया का प्रयोग करें। सिंगल सुपर फास्फेट से फास्फोरस और सल्फर की पूर्ति हो जाती है तथा यूरिया उर्वरक से नाइटोजन की पूर्ति हो जाती है यह मात्रा फसलों के बुबाई तथा रोपाई के समय बेशल डोज के रूप में देना चाहिए सिंगल सुपर फास्फेट में 16 प्रतिशत फास्फोरस और 11 प्रतिशत सल्फर तथा 21 प्रतिशत कैल्शियम होता है। इसके साथ-साथ सूक्ष्म पोषक तत्वों में जिंक और बोरोन तत्व भी पाए जाते है जो फसलों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है इसके माध्यम से भी बोनी की जा सकती है।
सभी किसान भाईयों से आग्रह है कि वह खाद के लिए जिला स्तर पर न आकर सबंधित तहसील, निकटतम सोसायटी या निजी विक्रय केंद्रों से ही खाद प्राप्त करें। जिले में उर्वरक पर्याप्त मात्रा निजी एवं सहकारी केंद्रो पर भंण्डारित है किसान भाई आवश्यकतानुसार उर्वरकों का उठाव कर सकते है।
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