भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और हरियाणा उच्च शिक्षा विभाग की परिषद के अध्यक्ष प्रो. बृजकिशोर कुठियाला की भोपाल अदालत ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है।
उनके खिलाफ मध्यप्रदेश के आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) में दर्ज आपराधिक प्रकरण में अब ईओडब्ल्यू उनके बयान लेने के लिए टीम भेजकर भोपाल लाएगा। वहीं, ईओडब्ल्यू ने विवि से कुठियाला के कार्यकाल में विवि द्वारा देशभर में खोले गए 1297 अध्ययन केंद्रों की वीडियोग्राफी और भौतिक सत्यापन रिपोर्ट मांगी है। जांच के दायरे में अध्ययन केंद्रों को खोलने में करोड़ों की राशि के लेनदेन के आरोपों को भी शामिल किया गया है।
बताया जाता है कि प्रो. कुठियाला के खिलाफ ईओडब्ल्यू की जांच का दायरा बढ़ाया जा रहा है।
अभी पूर्व कुलपति के खिलाफ ईओडब्ल्यू द्वारा कुछ वित्तीय अनियमितताओं को लेकर पूछताछ की जाना थी जिसमें मेडिकल, चाय-बिस्किट व मदिरापान के भुगतान का बिल, किराए के आवास पर बोरिंग कराए जाने व पानी खींचने की मशीन का भुगतान विवि से कराने जैसे कुछ आरोपों को शामिल किया था। इनमें कुठियाला से पूछताछ की जाना थी और इसके लिए उन्हें दो बार नोटिस भेजकर बुलाया गया पर वे आए नहीं। इस बीच अग्रिम जमानत के लिए भोपाल की जिला अदालत में आवेदन लगा दिया।
शनिवार को ईओडब्ल्यू के संजीव पांडे की विशेष अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। अदालत ने तर्क दिया कि उनके खिलाफ विवि में अवैध नियुक्तियां किए जाने, विवि की राशि से फिश एक्वेरियम खरीदने, मदिरापान की राशि का भुगतान कराने जैसे आरोप पद के दुरुपयोग के हैं। इसलिए अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती।
अध्ययन केंद्र, सेमीनार-कॉन्फ्रेंस के अनुदान की जांच
जानकारी के मुताबिक, ईओडब्ल्यू द्वारा कुठियाला के कार्यकाल में खुले अध्ययन केंद्रों और बाहरी संस्थाओं को सेमीनार-कॉन्फ्रेंस के लिए दिए गए अनुदान की अनियमितताओं की जांच भी शुरू कर रहा है। विश्वविद्यालय प्रबंधन से ईओडब्ल्यू ने कुठियाला के कार्यकाल में खोले गए 1297 अध्ययन केंद्रों की सूची, उनकी वीडियोग्राफी, उनके भौतिक सत्यापन की रिपोर्ट, केंद्रों से 2010 से 2018 के बीच छात्रों को दिए गए प्रवेश, उन्हें दी गई डिग्री, डिप्लोमा सर्टिफिकेट या अन्य प्रमाण पत्रों का ब्योरा मांगा है।
कुठियाला के कार्यकाल में खोले गए अध्ययन केंद्रों में 191 मीडिया से जुड़े अध्ययन केंद्र हैं और 1106 कंप्यूटर व सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी हैं। कुठियाला के आठ साल के कार्यकाल में खोले गए 1297 अध्ययन केंद्रों की तुलना में विवि में स्थापना वर्ष 1992 से 2009 के बीच 544 अध्ययन केंद्र स्थापित हुए थे। इस प्रकार अब विवि के 1841 अध्ययन केंद्र देशभर संचालित हो रहे हैं।
दीपक शर्मा के खिलाफ भी जांच होगी
ईओडब्ल्यू द्वारा अध्ययन केंद्रों की जांच के घेरे में विवि में एसोसिएट स्टडी इंस्टीट्यूशन्स के संचालक दीपक शर्मा भी आने वाले हैं। बताया जाता है कि शर्मा की सिफारिशों पर ही विवि के अध्ययन केंद्रों को खोला जाता था। अध्ययन केंद्रों को खोलने के लिए विवि के नियम 18 में भी संशोधन कर छूट दी गई, जिससे केंद्र आवश्यक संसाधन नहीं होने पर भी खुल गए।
इसी तरह ईओडब्ल्यू द्वारा कुठियाला के कार्यकाल में बाहर की संस्थाओं को सेमीनार व कॉन्फ्रेंस आयोजित करने के लिए भी मनमाना अनुदान दिए जाने के आरोप लगे हैं, जिनकी जांच के लिए विवि से रिकॉर्ड तलब किया गया है।
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