Music

BRACKING

Loading...

मध्य प्रदेश और राजस्थान में बाढ़ का कहर जारी

मध्यप्रदेश और राजस्थान के कई इलाकों में भारी बारिश के कारण बाढ़ का कहर जारी है। मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा असर शिवपुरी, रायसेन, खंडवा, नीमच और मंदसौर में दिख रहा है। श्योपुर जिले मे कोटा डैम से पानी छोड़े जाने के बाद चंबल नदी उफान पर है और खतरे के निशान से 10 फीट ऊपर बह रही है। यहां पार्वती नदी भी खतरे के निशान तक पहुंचने वाली है। पार्वती नदी के उफान पर होने से नदी का पानी पुल से 40 फीट पानी उपर बह रहा है।  लगातार हो रही बारिश के कारण श्योपुर चारों तरफ से कट गया है और टापू में तब्दील हो गया है। श्योपुर-बारना राजमार्ग पर भी बाढ़ के पानी के कारण डूबा हुआ है, जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना हो रही है।

 राजस्थान के झालावाड़ में काली सिंध नदी का पानी भारी बारिश के कारण लोगों के घरों में घुस गया।

 वहीं बारिश में कमी आने के चलते महाराष्ट्र में अब जनजीवन सामान्य होने लगा है। सबसे ज्यादा बाढ़ प्रभावित सांगली और कोल्हापुर में अब जनजीवन सामान्य हो रहा है, पंचगंगा और कृष्णा नदी का जलस्तर कम हुआ है। सब्जियों और जरूरी चीजों की आपूर्ति सामान्य हुई है, प्रभावित लोगों को मुआवजा बांटा जा रहा है। वहीं केरल में अगले एक हफ्ते के लिए मौसम के पूर्वानुमान में कोई अलर्ट नहीं जारी किया गया है। यहां 994 राहत शिविरों में डेढ़ लाख से अधिक लोगों ने शरण ले रखी है। राज्य में अब तक बाढ़ के कारण 100 से अधिक मौतें हो गई हैं। 

 आंध्र प्रदेश में कृष्णा नदी में बाढ़ की स्थिति के गुंटूर और कृष्णा जिले में करीब 10,000 लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। गुंटूर जिले में एक व्यक्ति के मरने की पुष्टि हुई है वहीं कृष्णा जिले में एक लड़की के लापता होने की खबर है। वहीं गोदावरी नदी में भी जलस्तर बढ़ गया है। पानी के बढ़ते स्तर को देखते हुए कृष्णा और गुंटूर जिले में हाई अलर्ट जारी किया गया है। राष्ट्रीय आपद प्रतिक्रिया बल और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल तथा अग्निशमन सेवा कर्मियों को कृष्णा और गुंटूर जिले में बचाव एवं राहत कार्य के लिए तैनात किया गया है। इस बीच कृष्णा जिले के चेवि-तिकल्लू गांव की नदी में नाव पलट गई जिसे स्थानीय लोगों की मदद से सुरक्षित बाहर निकाला गया।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ