उत्तराखंड: चमोली में बादल फटने से तबाही, नदी का कटाव भी बढ़ा, नालियां और कृषि भूमि बही

चामोली में बादल फटने से बढ़ी परेशानी - फोटो : अमर उजाला
उत्तराखंड के चमोली जिले में बरसात का कहर जारी है। शनिवार रात को घाट क्षेत्र में मूसलाधार बारिश के दौरान धुर्मा गांव के बीचोंबीच बह रहे बरसाती नाले में बादल फटने से दो आवासीय मकान पानी के सैलाब में समा गए, जबकि तीन मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए। इसके अलावा कई हेक्टेयर कृषि भूमि भी बह गई है। उफनाए बरसाती गदेरे के मोक्ष नदी में मिलने से गांव को खतरा उत्पन्न हो गया है।
घाट क्षेत्र में हर रोज रात को भारी बारिश हो रही है, जिससे ग्रामीण सहमे हुए हैं। शनिवार रात को भी भारी बारिश ने ग्रामीणों की नींद उड़ा दी। देर रात तीन बजे धुर्मा गांव के बीचों बीच बह रहे बरसाती गदेरे के शीर्ष भाग में बादल फटने से मलबा गदेरा गांव को तहस-नहस कर मोक्ष नदी तक पहुंच गया।
गदेरे के कटाव से जयवीर सिंह और विक्रम सिंह रावत के आवासीय मकान भी मलबे में समा गए। जबकि महावीर सिंह, जय सिंह बिष्ट और वीरेंद्र सिंह के आवासीय मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
ग्रामीणों की कई हेक्टेयर भूमि भी बह गई है। राजकीय इंटर कॉलेज मोख धुर्मा की सुरक्षा दीवार बहने से विद्यालय भवन को खतरा उत्पन्न हो गया है। घाट-धुर्मा-सेरा मोटर मार्ग भी जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे ग्रामीणों को आवाजाही में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा
घाट क्षेत्र में हर रोज रात को भारी बारिश हो रही है, जिससे ग्रामीण सहमे हुए हैं। शनिवार रात को भी भारी बारिश ने ग्रामीणों की नींद उड़ा दी। देर रात तीन बजे धुर्मा गांव के बीचों बीच बह रहे बरसाती गदेरे के शीर्ष भाग में बादल फटने से मलबा गदेरा गांव को तहस-नहस कर मोक्ष नदी तक पहुंच गया।
गदेरे के कटाव से जयवीर सिंह और विक्रम सिंह रावत के आवासीय मकान भी मलबे में समा गए। जबकि महावीर सिंह, जय सिंह बिष्ट और वीरेंद्र सिंह के आवासीय मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
ग्रामीणों की कई हेक्टेयर भूमि भी बह गई है। राजकीय इंटर कॉलेज मोख धुर्मा की सुरक्षा दीवार बहने से विद्यालय भवन को खतरा उत्पन्न हो गया है। घाट-धुर्मा-सेरा मोटर मार्ग भी जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे ग्रामीणों को आवाजाही में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा
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