शिवपुरी. जिले में किशोरी बालिकाओं को स्वस्थ रहने के तरीके सिखाने के साथ-साथ उनके हीमोग्लोबिन स्तर में सुधार करने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन सुधार नहीं हो पा रहा है। इसका उदाहरण उस समय सामने आया जब शहर के बीचों बीच स्थित गल्र्स कॉलेज में 135 छात्राओं के हीमोग्लोबिन की जांच के दौरान 121 बच्चियां एनिमिया की श्रेणी में पाई गईं।
उल्लेखनीय है कि शक्तिशाली महिला संगठन ने महारानी लक्ष्मी बाई कन्या हायर सेकंडरी स्कूल को गोद ले रखा है। इसी क्रम में वह समय समय पर छात्राओं के स्वास्थ्य का परीक्षण करवाती है। बीते रोज जिला अस्पताल के डॉक्टरों की एक टीम से स्कूल में अध्यनरत 135 छात्राओं का हीमोग्लोबिन टेस्ट करवाया गया। इन छात्राओं में सिर्फ 14 बालिकाओं का हिमोग्लोबिन सही पाया गया जबकि 121 छात्राओं का हीमोग्लोबिन कम पाया गया।इन सभी छात्राओं का हीमोग्लोबिन स्तर 7 से 8 ग्राम पाया गया। डॉक्टरों का कहना था कि इसकी मुख्य वजह आज भी लोगों की मानसिकता में परिवर्तन नहीं आना है। बच्चियां अपने पोषण का ध्यान नहीं रखती हैं। स्कूल को गोद लेने वाली संस्था के रवि गोयल के अनुसार वह समय-समय पर बच्चियों को दवाएं आदि प्रोवाइड कराने के साथ-साथ उन्हें यह समझाइश देते हैं कि वह अगर हेल्दी भोजन करें, खाने में हरी सब्जियों को सेवन बढ़ाएं तो हालातों में सुधार हो सकता है।
पोषण की कमी के कारण आंखें हो रहीं कमजोर
शासन के निर्देशों के तहत शनिवार को महारानी लक्ष्मी बाई कन्या हायर सेकंडरी स्कूल की बालिकाओं के स्वास्थ्य परीक्षण के तहत आंखों का टेस्ट भी किया गया। इस चेकअप के दौरान लगभग सभी छात्रों की आंखें कमजोर पाई गईं और पचास फीसदी छात्राएं तो ऐसी थीं, जिन्हें चश्मा लगवाने तक कि जरूरत पड़ी। चिकित्सकों का कहना है कि पोषण की कमी के कारण ही छात्राओं की आंखें कमजोर हो रही हैं।
शासन के निर्देशों के तहत शनिवार को महारानी लक्ष्मी बाई कन्या हायर सेकंडरी स्कूल की बालिकाओं के स्वास्थ्य परीक्षण के तहत आंखों का टेस्ट भी किया गया। इस चेकअप के दौरान लगभग सभी छात्रों की आंखें कमजोर पाई गईं और पचास फीसदी छात्राएं तो ऐसी थीं, जिन्हें चश्मा लगवाने तक कि जरूरत पड़ी। चिकित्सकों का कहना है कि पोषण की कमी के कारण ही छात्राओं की आंखें कमजोर हो रही हैं।
शनिवार को जब चैकअप किया तो प्रारंभिक जांच में तीन कक्षाओं में ही 50 छात्राओं में आंख कमजोर होने क लक्षण मिले। चैकअप के दौरान फिलहाल 36 छात्राओं में से 18 छात्राओं की आंखों में चश्मा लगाने की जरूरत पाई गई है। लगभग सभी छात्राओं की आंखों में वीकनेस पाई गई है।
रवि सक्सेना, टेक्निशियन
रवि सक्सेना, टेक्निशियन
यह बात सही है कि 135 छात्राओं में से 121 छात्राएं एनीमिक निकली हैं। इसकी मुख्य वजह अनियमित दिनचर्या, खानपान की आदतों में बदलाव, फैशन व स्लिम दिखने के फेर में अच्छी डाइट न लेना है।
डॉ.एएल शर्मा, सीएमएचओ
डॉ.एएल शर्मा, सीएमएचओ
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