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अलख ज्योति संग़ठन के सदस्यों नें कहा शिक्षा के मंदिरों में रोज हो प्रार्थना सभा में नैतिक चरित्र पर चर्चा। सभी समाजों में हो समाज सुधारक संघों का गठन।



*देश की राजधानी सहित अनेक राज्यों में महिलाओं और बालिकाओं के प्रति दिनों दिन बढ़ रहे घृणित अपराधों पर अलख ज्योति ध्यान योग केंद्र के सदस्यों नें जताई चिन्ता।*

*देश सहित सभी सरकारों को कड़े कदम उठानें की जरूरत।*

छीपाबड़ौद कुलदीप सिंह सिरोहीया:अलख निरंजन ज्योति ध्यान योग केंद्र अमीरपुर खेड़ी के सानिध्य में सोमवार को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में योग केंद्र के कार्यकारी अध्यक्ष शंकर लाल नागर की अध्यक्षता में बेठक का आयोजन किया गया।बैठक में देश की राजधानी सहित अनेक राज्यों में महिलाओं और बालिकाओं के साथ किये जा रहे घृणित अपराधों के प्रति चिन्ता जाहिर की गयीं।बेठक में उपस्थित शंकर लाल नागर राजमल भार्गव,राधाकिशन मीणा, हुकम चंद धाकड़,घन श्याम गालव,नरेश जी,बाबूलाल सुमन आदि नें अपने विचार प्रकट करते हुए हाल ही में हैदराबाद में महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म कर हत्या करनें,टोंक जिले के अलीगढ़ थानाक्षेत्र के एक गांव में मात्र 6 साल की अबोध मासूम को दरिंदगी का शिकार बनानें मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले के थाना मानपुर में 6 वर्षीय बालिका के साथ घटे घृणित अपराध की कड़े शब्दों में निंदा की गयीं।सदस्यों नें प्रधान मंत्री,गृहमंत्री भारत सरकार सहित सभी राज्यों के मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्रियों से कड़े कदम उठाने की मांग की गयीं।अध्यक्ष नागर नें कहा कि भारत जैसे स्वर्गिक वातावरण वाले देश में जहां वेद,ग्रंथ,पुराण,शास्त्र रचे गए जहां सभी धर्मों के अवतारी पुरुषों ने जन्म लिया अनेक संत ओर महापुरुष सहित सभी सम्प्रदाय में हुये ऐसे देश में जहां हर व्यक्ति को राम और हर महिला को सीता समझा जाता है आखिर देखते ही देखते इस देश मे क्या हो गया कि अपराधी अपराध की सीमाओं को लांघ अपराध कर रहा है यह प्रश्न सभी को विचारणीय है।देश की  शिक्षा पध्दति ने क्या इंसानों का निर्माण करना बन्द कर दिया है ? इसपर भी चिंतन करना जरूरी है शायद आज की शिक्षा पध्दति से हम रटन्त विद्या से नोकरी के लिए अंग्रेजों की तरह नोकर पैदा कर रहे है इंसान नही।मानवीय संवेदनाओं का विकास प्रथम परिवार से होता है परन्तु यदा कदा भारत भ्रमण के दौरान लगा कि कुछ को छोड़ सभी राज्यो में शाम ढलते ही दुग्ध की डेरी को छोड़ शराब ओर मांस के अड्डों की ओर युवा लोग रुख करते नजर आते है।भारत की गरीब-अमीर युवा पीढ़ी नशे की जद में है जिसे रोका नही गया तो  देश में अपराधों का रोका जाना ही संभव नही होगा सम्पूर्ण भारत में सभी प्रकार का नशा पूर्णतः बन्द हो तभी इंसान इंसान रहेगा ओर हम सभ भी  समाज के अंदर सुनागरिक निर्माण कर पाएंगे।

रिपोर्टर कुलदीप सिंह सिरोहीया बारां छीपाबड़ौद

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