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आरे मामला: सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई मेट्रो के लिए आरे कॉलोनी के पेड़ काटने पर रोक लगाई

 

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उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को मुंबई में मेट्रो निर्माण परियोजनाओं के लिए वृक्षों की कटाई पर दो सप्ताह के लिए रोक लगा दी है। इस दौरान महाराष्ट्र सरकार और उसके प्राधिकारी कटाई नहीं करा सकेंगे। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एसए बोबडे, बीआर गवई और सूर्यकांत की पीठ ने मुंबई महानगर क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण को मेट्रो की चौथी लाइन परियोजना के लिए वृक्षों की कटाई के मामले में दो सप्ताह तक यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया। 
पीठ ने ठाणे में मुंबई मेट्रो परियोजना के लिए वृक्षों की कटाई के बारे में कार्यकर्ता रोहित जोशी के वकील को अपनी याचिका में संशोधन करने का निर्देश दिया और कहा,आज से दो सप्ताह के लिए वृक्षों की कटाई पर रोक रहेगी। शीर्ष अदालत ने मुंबई महानगर क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण और राज्य सरकार को नोटिस जारी करके दो सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।
गौरतलब है कि साल 2014 में शुरू हुए मुंबई मेट्रो प्रोजेक्ट का पहला चरण (वर्सोवा से घाटकोपर तक) जनता के लिए खुला तो बात विस्तार की चल निकली। विस्तार के लिए अब जरूरत पड़ी पार्किंग शेड की। 23,136 करोड़ रुपये की लागत से फ्लोर स्पेस इंडेक्स निर्माण को कहीं जगह की आवश्यकता पड़ी तो मेट्रो परियोजना से जुड़ी कंपनी को मुफीद लगी फिल्म सिटी गोरेगांव वाले इलाके की आरे कॉलोनी। इसे ही आरे के जंगल भी कहते हैं।

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