शिवपुरी। मध्यदेशीय अग्रवाल समाज के लोगों ने शुक्रवार को कोर्ट रोड से रैली निकालकर प्रशासन द्वारा शहर में चलाई जा रही अतिक्रमण मुहिम पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए नारे लगाए। इसके बाद समाज के महिला-पुरुष कलेक्ट्रेट पहुंचे, जहां ज्ञापन लेने जब डिप्टी कलेक्टर आए तो उन्हें यह कहते हुए वापस कर दिया कि कलेक्टर को ही ज्ञापन देंगे। इतना ही नहीं गुस्साए लोगों ने कलेक्ट्रेट पर ही धरना दे दिया। बाद में कलेक्टर ने समाज के पांच लोगों को बुलाकर ज्ञापन लिया तथा जांच का आश्वासन देकर चलता कर दिया।
मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में उल्लेख किया है कि अग्रवाल समाज शिवपुरी के अध्यक्ष गौरव सिंघल के पिता पे्रमनारायण सिंघल की वैध संपत्ति को द्वेषपूर्ण भावना से कार्रवाई कर तोडऩे वाले अधिकारियों के विरुद्ध उच्च स्तरीय जांच की जाकर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाए। गौरव के पिता ने वर्ष 2015 में सर्वे नंबर 51/1 नमोनगर स्थित एक वैध भूखंड क्रय किया था, जिसका पूर्व में ही एसडीओ शिवपुरी द्वारा डायवर्सन होकर नामांतरण भी हो चुका था। तहसीलदार शिवपुरी द्वारा 20 दिसंबर को 248 एमपीएलआरसी का नोटिस जारी कर निर्माणाधीन डुप्लेक्स की भूमि से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा गया। सिंघल ने अपने अभिभाषक के माध्यम से दस्तावेज बताने के साथ ही भूमि का सीमांकन कराए जाने का आवेदन पेश किया, लेकिन उस पर कोई सुनवाई नहीं की गई तथा उसी दिन निर्माणाधीन भवन को हटाने का आदेश जारी कर दिया गया।
24 दिसंबर को सुबह 8 बजे ही निर्माणाधीन डुप्लेक्स को तोडऩा शुरू कर दिया गया, जबकि सिंघल परिवार को सूचना नहीं दी गई। जानकारी मिलने पर गौरव ने मौके पर पहुंचकर एसडीएम से न्यायालय के फैसले तक कार्रवाई रोकने का आग्रह किया, लेकिन उन्होंने नहीं सुनी। जबकि उसी दिन शाम को न्यायालय से स्टे आर्डर मिल गया और एसडीएम को स्टे ऑर्डर की जानकारी भी दी, लेकिन उनके द्वारा भवन तोडऩे की कार्रवाई जारी रखी गई, जो न्यायालय की अवहेलना एसडीएम अतेंद्र सिंह गुर्जर द्वारा की गई। ज्ञापन में उल्लेख किया है कि एसडीएम शिवपुरी के तथाकथित दलालों द्वारा कुछ धनराशि की मांग प्रशासनिक अधिकारियों के नाम से कार्रवाई रुकवाने के एवज में की गई थी, जिसे समाज अध्यक्ष ने नकार दिया तो द्वेषपूर्ण कार्रवाई कर निर्माणाधीन भवन को तोड़ दिया गया। ज्ञापन में यह भी चेतावनी दी है कि यदि सिंघल परिवार को न्याय नहीं मिला तो समाज द्वारा धरना, बाजार बंद आदि तरीकों से विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।