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सरकारी स्कूलों का स्तर सुधारने के लिए चलेगा एक और अभियान


मध्यप्रदेश में शिक्षा के बदतर हालात किसी से छिपे नहीं हैं। प्रदेश शिक्षा के मामले में सबसे अधिक पिछड़े राज्यों में शुमार किया जाता है। हालांकि सरकार इसको सुधारने के लिए कई तरह के प्रयास करती रही है लेकिन इसमें बहुत अधिक सुधार नहीं हो सका है। सरकारी स्कूलों की दुर्दशा सुधारने के लिए सरकार एक और अभियान चलाने जा रही है। ये अभियान कितना फलीभूत होगा ये तो समय बताएगा। बड़ा सवाल ये है कि कहीं ये अभियान अन्य सरकारी अभियानों की तरह की भ्रष्टाचार और लापरवाही की भेंट तो नहीं चढ़ जाएगा।
स्कूल शिक्षा विभाग 'मिशन-10 के' के सहारे अब स्कूलों में गुणवत्ता सुधारकर उन्हें श्रेष्ठ स्कूल बनाने की तैयारी में है। इस मिशन के तहत चयनित स्कूलों में सभी मापदंडों का पालन अनिवार्य होगा। वहीं उन्हें सभी सहूलियतें भी उपलब्ध की जाएंगी। प्रदेश में करीब 10 हजार स्कूलों को मिशन-10 के तहत तैयार किया जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग योजना का ब्लू पिं्रट तैयार कर चुका है। इसमें जिले के करीब दो सैकड़ा स्कूल शामिल किए जा रहे हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने 'मिशन 10 के' के तहत 100 एवं 4 का दायरा तय किया है। अर्थात स्कूल में कम से कम 100 छात्र-छात्राएं और न्यूनतम चार कार्यरत शिक्षक होना चाहिए। जिले में कुल 2255 स्कूल हैं। इनमें से 204 स्कूलों का चयन किया गया है। विभाग स्कूलों में इंफ्रास्टक्चर मजबूत बनाने की दिशा में काम कर रहा है। इसमें मिडिल स्कूल गणेशगंज, मिडिल स्कूल घमापुर, मिडिल स्कूल कैलाश नगर, प्राइमरी हिंदी गोहलपुर, मिडिल स्कूल कन्या घमापुर, मिडिल स्कूल वेस्ट करियापाथर, प्राइमरी स्कूल नई बस्ती आदि शामिल हैं।
इन स्कूलों का चयन
शासकीय मिडिल स्कूल कछपुरा, मिडिल स्कूल बरगी हिल्स, मिडिल स्कूल कन्या गोविंद गंज, मिडिल स्कूल धनवंतरि नगर, मिडिल स्कूल गढ़ा नम्बर दो, नवीन बुनियादी मिडिल स्कूल, मिडिल स्कूल दीक्षितपुरा, मिडिल स्कूल सूजीपुरा, मिडिल स्कूल पोलीपाथर, मिडिल स्कूल तिलवारा घाट, मिडिल स्कूल मदनमहल, मिडिल स्कूल गोरखपुर, मिडिल स्कूल हाथीताल, मिडिल स्कूल अन्ना नगर एवं मिडिल स्कूल ललपुर शामिल हैं।
यह चयन का आधार- स्वतंत्र परिसर, लाइब्रेरी कक्ष, पानी की व्यवस्था, बालक एवं बालिका टॉयलेट, बिजली व्यवस्था, न्यूनतम 4 शिक्षकों की उपलब्धता, 100 छात्रों की दर्ज संख्या।
यह होगा बदलाव- शिक्षण कार्य पर अलग से फोकस, इंफ्रास्टक्चर विस्तार, टारगेट आधारित पढ़ाई, कक्षाओं का रिजल्ट, शिक्षण कार्य पर सतत नजर, आदर्श स्कूल की तरह संचालन।
यह है स्थिति
2255 स्कूल
652 मिडिल स्कूल
1603 प्राइमरी स्कूल
204 चयनित स्कूल
31000 छात्र शामिल

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