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सरकार डिलीवरी सिस्टम करेगी स्ट्रांग, तय होगी अफसरों की जवाबदेही, टाइम-बाउंड होगा काम


भोपाल। प्रदेश में हितग्राहीमूलक सरकारी योजनाओं को लेकर अब डिलीवरी सिस्टम को स्ट्रांग किया जाएगा। इसके लिए सरकार जल्द ही राज्य से निचले स्तर तक अफसरों की जवाबदेही तय करेगी, ताकि जनता को योजनाओं के तहत तय फायदे निश्चित समयावधि में ही मिल सके। इसमें सभी जनहितैषी योजनाओं में हितग्राहियों को दी जाने वाली सुविधा के बजट आवंटन व वितरण को लेकर टाइम-बाउंड व्यवस्था की जा सकती है। इसके तहत प्रत्येक वितरण निर्धारित वित्तीय वर्ष में ही करना अनिवार्य होगा।
दरअसल, अभी जनहितैषी योजनाओं में अनेक बार निर्धारित वित्तीय वर्ष में हितग्राही को सुविधाओं का वितरण नहीं हो पाता है। मसलन, छात्रवृति, साइकिल-गणवेश सहित पेंशन वितरण में बहुत देरी होती है।
वर्तमान में पिछले सालों की छात्रवृत्ति तक इस साल तक बंट नहीं पाई है। इसलिए अब इस प्रकार की सभी हितग्राहीमूलक योजनाओं में डिलीवरी के लिए टाइम-बाउंड व्यवस्था की जाएगी।

इसके तहत प्लान तैयार किया जा रहा है कि हर हितग्राहीमूलक योजना में टाइम-पीरियड के स्लेब बनाए जाए, जिसमें एक पीरियड के बाद देरी होने पर संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय करके उस पर कार्रवाई की जाए।

कौन सी योजनाएं प्राथमिकता पर-
सीएम कमलनाथ का फोकस सबसे ज्यादा डिलीवरी सिस्टम सुधारने पर ही है। सत्ता में आते ही कमलनाथ ने डिलीवरी सिस्टम में सुधार करने का ऐलान किया था। अब सीएम के निर्देश पर ही डिलीवरी सिस्टम को स्ट्रांग करने की रूपरेखा तैयार की जा रही है।

सूत्रों के मुताबिक इसके तहत सरकार छात्रवृत्ति, साइकिल-गणवेश, पेंशन, राशन, विभिन्न सब्सिडी आदि को प्राथमिकता पर रख सकती है। अभी पेंशन चार से छह महीने तक देरी से मिलती है, जबकि छात्रवृत्ति, साइकिल व गणवेश वितरण में तो एक साल से भी ज्यादा की देरी हो जाती है। वही राशन और सब्सिडी में भी महीनों की देरी होती है।

हर क्षेत्र में टाइम-बाउंड फार्मूला-
सरकार हर क्षेत्र में टाइम-बाउंड फार्मूला ला रही है, ताकि सरकारी कामकाज की रफ्तार तेज हो। इसी के तह त उद्योगों के लिए भी टाइम बाउंड क्लीयरेंस एक्ट लाया गया है। इसमें एक निश्चित समयावधि तक आनलाइन प्रकरण का निपटारा न करने पर ऑटोमैटिक मंजूरी सर्टिफिकेट मिल जाता है। एेसी ही प्रक्रिया रियल एस्टेट पॉलिसी में लाई गई है। बिल्डिंग परमिशन के नक्शों में भी यह फार्मूला लागू किया गया है। इसके बाद अब सभी सरकारी योजनाओं के लिए यह फार्मूला लाया जाएगा।

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