सतना। सतना जिले के प्रसिद्ध तीर्थस्थल चिज्ञकूट स्थित महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय में आयोजित तीन दिवसीय इण्डियन हॉर्टिकल्चर समिट (भारतीय बागवानी शिखर सम्मेलन) 2020 का रविवार को समापन हुआ। इस दिवसीय सम्मेलन में 9 तकनीकी सत्रों में बागवानी की उपयोगिता और व्यवहारिक प्रसांगिकता पर विद्वानों ने अपने विचार रखे।
इन सत्रों की प्रस्तुतियों को संकलित का चित्रकूट बागवानी सम्मेलन का निष्कर्ष तैयार कर लिया गया है, जिसकी रिपोर्ट बनाकर केंद्र और प्रदेश की सरकार को भेजने का सम्मेलन के समापन अवसर पर सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है। शिखर सम्मेलन के समापन अवसर पर महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरेश चंद्र गौतम ने देशभर से आये विद्वानों और संस्थाओं का आह्वान करते हुए कहा कि ग्रामोदय विश्वविद्यालय नवाचारों का हिमायती है।
हम चाहते हैं कि वैज्ञानिक इस विश्वविद्यालय को अपने नवीन प्रयोगों की प्रस्तुति के लिए प्रदर्शन केंद्र के रूप में मान्यता प्रदान करे। इस दौरान इंडियन कॉउन्सिल फॉर एग्रीकल्चर रिसर्च नई दिल्ली के उपमहानिदेशक डॉ. आरसी अग्रवाल का सार्वजनिक सम्मान किया गया। कुलपति प्रो. नरेश चंद्र गौतम ने विश्वविद्यालय की ओर शाल श्रीफल और श्री कामता नाथजी का स्मृति चिन्ह भेंट किया। डॉ अग्रवाल ने अपने मार्गदर्शन में इस आयोजन की सराहना की।
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