सौरमंडल के युवराज बुध ग्रह 25 अप्रैल को प्रातः 2 बजकर 31 मिनट पर अपनी नीच राशि मीन की यात्रा समाप्त करके मेष राशि में प्रवेश करेंगे जिसके स्वामी मंगल है। यहाँ से युवराज भूत उच्चाभिलाषी होते हुए नीच राशि से मुक्त हो जाएंगे। मेष राशि में प्रवेश करने के साथ ही ये वहाँ पहले से ही विराजमान सूर्य के साथ युति करेंगे और 9 मई की सुबह 9 बजकर 45 मिनट पर वृषभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे। बुध के राशि परिवर्तन के समय सूर्य मेष राशि में 11 अंश का भोग कर चुके होंगे और बुध शून्य अंश से शुरुआत करेंगे। इस प्रकार सूर्य और बुध के मध्य की दूरी 11अंश से भी अधिक रहेगी और यह विशुद्ध मक्कारी बुधादित्य योग निर्मित होगा।
बुधादित्य योग क्या होता है, इस से क्या फल प्राप्त होता है
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