श्योपुर/कराहल आदिवासी विकासखंड कराहल में बाहर से आने वाले मजदूरों पर विशेष नजर रखी जा रही है। क्योंकि यहां के आदिवासी परिवार मजदूरी करने कई बड़े शहरों में गए हुए थे। कोरोना को लेकर हुए लॉक डाउन में मजदूरों का वापस अपने घर आना शुरू हो गया है। ऐसे में जनपद सीईओ एसएस भटनागर ने बाहर से आने वाले मजदूरों को निगरानी में रखने के लिए स्कूल व पंचायत भवन में ठहराने की व्यवस्था की है।
अहमदाबाद से आए कुछ मजदूरों को प्राथमिक विद्यालय मरेठा में ठहराया गया है। इनके खाने की व्यवस्था भी की जा रही है। कराहल के आदिवासी परिवार झालावाड़, इंदौर गुजरात, अहमदाबाद में मजदूरी करने जाते हैं। वापस आने पर इन्हें घरों पर जाने से रोका गया है। जनपद सीईओ एसएस भटनागर के निर्देश पर पंचायत सचिवों द्वारा अपनी-अपनी पंचायतों में स्कूल एवं पंचायत भवनों में इनके ठहरने की व्यवस्था की गई है। इनको 14 दिन तक क्वारेंटाइन कर रखा जाएगा।
घर के बाहर लिखा, इनके संपर्क में न आएं
जनपद कराहल की ग्राम पंचायतों में मजदूरी कर लौट आए आदिवासी परिवारों को स्क्रीनिंग कर घरों में आईसोलेशन पर रखा गया है। जिनको आईसोलेट किया गया है उनके घर के बाहर दीवार पर लिखा गया है कि इनके संपर्क में न आएं। ग्राम पंचायत कर्मियों ने घरों की दीवारों पर चेतावनी लिखकर साावधानी और सुरक्षित रहने की सलाह ग्रामीणों को दी है।
जनपद कराहल की ग्राम पंचायतों में मजदूरी कर लौट आए आदिवासी परिवारों को स्क्रीनिंग कर घरों में आईसोलेशन पर रखा गया है। जिनको आईसोलेट किया गया है उनके घर के बाहर दीवार पर लिखा गया है कि इनके संपर्क में न आएं। ग्राम पंचायत कर्मियों ने घरों की दीवारों पर चेतावनी लिखकर साावधानी और सुरक्षित रहने की सलाह ग्रामीणों को दी है।
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