शिवपुरी। कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश भर में किए गए लॉकडाउन ने मजदूर की कमर तोड़कर रख दी। डेढ़ माह से मजदूरी न मिलने की वजह से मजदूर कर्जदार हो गए। शहर के हृदय स्थल माधव चौक पर हर सुबह इकट्ठा होने वाले मजदूर लॉकडाउन में जब रोजगार की तलाश में घर से निकले तो मजदूरी की जगह पुलिस के डंंडे झेलने पड़े। मजदूरों का कहना है कि यदि लॉकडाउन खुल भी गया, तो भी तत्काल काम नहीं मिल पाएगा, क्योंकि निर्माण सामग्री अभी नहीं आ रही।
शिवपुरी शहर की ठकुरपुरा बस्ती में रहने वाले कारीगर पर्वत सिंह जाटव ने बताया कि डेढ़ माह से कामकाज पूरी तरह से ठप है। कंट्रोल की दुकान से तीन माह का अनाज (गेहंू) तो मिल गया, लेकिन सब्जी-भाजी व तेल-मसाला तो बाजार से ही खरीदना पड़ेगा और उसके लिए पैसों की जरूरत होती है। काम न मिलने से अपने परिचितों व मित्रों से उधारी ले ली है, लेकिन अब समझ नहीं आ रहा कि कैसे उनका कर्जा चुकाएंगे।
बस्ती के चबूतरे पर खाली हाथ बैठे मजदूर लाखन सिंह सहित अन्य मजदूरों ने बताया कि पहले हम हर सुबह अपने घर से चौराहे पर जाते थे, वहां से हमें मजदूरी करवाने वाले लोग अपने साथ ले जाते थे। लॉकडाउन होने के बाद जब हम चौराहे पर गए, तो वहां से पुलिस ने हमें डंडे देकर भगा दिया। पिछले डेढ़ माह से कोई काम नहीं मिला, जिससे हमारे घर की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो चुकी है।
हमारे यहां कोई भी समाजसेवी संस्था के लोग राशन किट देने नहीं आए, उसमें कम से कम तेल-मसाला तो मिल जाता। दुकानदार भी अब उधार देने से पहले कई बार सोच रहे हैं, क्योंकि लॉकडाउन कब खुलेगा, मजदूरी कब मिलेगी, यह भी तय नहीं है। मजदूरों ने बताया कि पहले तो हर दिन 500 रुपए कमा लेते थे, तो गृहस्थी की गाड़ी चल रही थी, लेकिन अब जेब पूरी तरह से खाली है।
चबूतरे से हड़काने आती है पुलिस
लॉकडाउन में काम की तलाश करने गए, तो वहां चौराहे पर पुलिस ने डंडे मारकर भगा दिया। अब जब काम नहीं है, तो बस्ती के चबूतरे पर अष्टा-चंगा खेलकर समय गुजारते हैं, तो यहां भी पुलिस आकर हड़का जाती है। खाली बैठकर क्या करें, क्योंकि घर में रहते हैं तो वहां बिना पैसों के तंगहाली दिखती है, कुछ देर के लिए बाहर बैठते हैं, तो पुलिस नहीं बैठने दे रही।
लॉकडाउन में काम की तलाश करने गए, तो वहां चौराहे पर पुलिस ने डंडे मारकर भगा दिया। अब जब काम नहीं है, तो बस्ती के चबूतरे पर अष्टा-चंगा खेलकर समय गुजारते हैं, तो यहां भी पुलिस आकर हड़का जाती है। खाली बैठकर क्या करें, क्योंकि घर में रहते हैं तो वहां बिना पैसों के तंगहाली दिखती है, कुछ देर के लिए बाहर बैठते हैं, तो पुलिस नहीं बैठने दे रही।
लॉकडाउन खुलने के बाद भी समय लगेगा
मजदूरों का कहना है कि अब तो 3 मई को लॉकडाउन खुल जाए, क्योंकि इसके खुलने के बाद भी काम शुरू होने में 15 से 20 दिन लगेंगे। अभी ईंट, बजरी सहित अन्य निर्माण सामग्री नहीं आ रही, जिस वजह से निर्माण कार्य एक साथ शुरू नहीं हो पाएंगे। जितनी जल्दी लॉक डाउन खुल जाए, तो फिर काम पर जाएं। अभी तो काम करवाने वाले भी हमारा चैकअप करवाएंगे, क्योंकि डर सभी को है।
मजदूरों का कहना है कि अब तो 3 मई को लॉकडाउन खुल जाए, क्योंकि इसके खुलने के बाद भी काम शुरू होने में 15 से 20 दिन लगेंगे। अभी ईंट, बजरी सहित अन्य निर्माण सामग्री नहीं आ रही, जिस वजह से निर्माण कार्य एक साथ शुरू नहीं हो पाएंगे। जितनी जल्दी लॉक डाउन खुल जाए, तो फिर काम पर जाएं। अभी तो काम करवाने वाले भी हमारा चैकअप करवाएंगे, क्योंकि डर सभी को है।
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